लखीसराय. नगर परिषद बड़हिया में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर आती हैं. ऐसा ही मामला पिछले दिनों बड़हिया के जगदंबा स्थान मंदिर जाने के मुख्य मार्ग को लेकर उजागर हुआ था. 22 लाख रुपए से ज्यादा की लागत से जिस सड़क का पीसीसी निर्माण होना था और आरसीसी नाला बनना हुआ वहां निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. सड़क के कई हिस्से निर्माण होने के कुछ दिन बाद ही जहाँ तहां टूट गई है. नालों के स्लैब का कहीं कंक्रीट टूट गया है तो कहीं सरिया बाहर निकला हुआ है. न्यूज़4नेशन ने जब पिछले 28 अप्रैल को सड़क निर्माण की अनियमितता का मामला उजागर किया तो फिर से गड्ढों को भरने की कवायद शुरू हुई.
हैरानी की बात है कि डीपीआर पर जिस सड़क का निर्माण पीसीसी होना था उसे अब कालीकरण यानी तारकोल से बनाया जा रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो नवनिर्मित पीसीसी सड़क पर नाम मात्र का तारकोल डालकर उस पर फिर से एक परत डाला गया है. लोगों की शिकायत है कि पीसीसी पर डाला गया तारकोल का नया परत इतना पतला है कि बारिश की एक फुहाड़ के बाद ही इसमें गड्ढे उभर सकते हैं. आम लोगों की चिंता है कि पिछले 10 साल से जिस सड़क के निर्माण की वे बाट जोह रहे थे वह सड़क अब अनियमितता की भेंट चढ़ रही है.
आम लोगों की शिकायत है कि आखिर जिस सड़क का पीसीसी निर्माण होना था उस पर अब तारकोल की परत क्यों डाली जा रही है. ऐसा बिना नगर परिषद की मिलीभगत से नहीं हो सकता है. गुणवत्तापूर्ण सड़क बनवाने के बदले इस प्रकार की लीपापोती क्यों हो रही है आम लोग इससे हैरान हैं. निर्माण से जुड़े कई फोटो और वीडियो दिखाकर स्थानीय लोगों ने बताया है कि यहां डीपीआर में सड़क किनारे नाले का नव निर्माण होना था. लेकिन पुराने नाले के ऊपर ही ढलाई कर नया नाला बनाया गया है. यह मापदन्डों का उल्लंघन है. अब इसी तरह से पीसीसी सड़क के बदले तारकोल की परत डालने का काम हो रहा है.
जगदंबा स्थान मंदिर बड़हिया के प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र है. यहां हर दिन बड़ी संख्या में बिहार और अन्य राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. वहीं यह सड़क घनी आबादी वाले इलाके से गुजरती है. ऐसे में सड़क निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखने से आम लोगों में रोष व्याप्त है. दरअसल, पूर्व में भी कोठारी चौक से स्टेशन जाने वाली सड़क का निर्माण इसी तरह अनियमितता का शिकार हो चुकी है. तब भी कई लोगों ने सड़क निर्माण में गुणवत्ता नहीं होने की शिकायत की थी. हालांकि कथित रूप से जूनियर इंजीनियर और ठेकेदार की मिलीभगत से उस सड़क के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया. नतीजा है सड़क में असंख्य गड्ढे उभर आए हैं. निर्माण के कुछ दिनों बाद ही सड़क टूटने लगी. अब स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार फिर से जगदंबा स्थान मंदिर के मुख्य मार्ग का निर्माण भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है.