LUCKNOW :संगम नगरी इलाहाबाद का नाम अब आधिकारिक रूप से प्रयागराज हो गया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ ही राज्य में नाम बदलने की राजनीति में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। कुछ दिन पहले ही संतों के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसका प्रस्ताव दिया गया था। जिसके बाद यूपी सीएम ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया था।
योगी आदित्यनाथ ने किया था एलान
बता दें कि पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने जल्द ही इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का ऐलान किया किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि इसके लिए राज्यपाल राम नाईक ने भी अपनी सहमति दे दी है। सीएम योगी ने कुंभ मेले के आयोजन से जुड़ी मार्गदर्शक मंडल की पहली बैठक के यह जानकारी दी थी। सीएम योगी ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने को समर्थन देते हुए कहा कि जहां दो नदियों का संगम होता है उसे प्रयाग कहा जाता है। उत्तराखंड में भी ऐसे कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग स्थित है। हिमालय से निकलने वाली देवतुल्य दो नदियों का संगम इलाहाबाद में होता है और यह तीर्थों का राजा है। ऐसे में इलाहाबाद का नाम प्रयाग राज किया जाना उचित ही होगा।
शहर का नाम बदलने के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का नाम भी बदल जाएगा। गौरतलब है कि अगले साल होने वाले कुंभ से पहले इलाहाबाद चर्चा का केंद्र बना हुआ है। योगी सरकार कुंभ को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है, शहर में जीर्णोद्धार का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
यूपी में चल रही नाम बदलने की राजनीति
बता दें कि सूबे में नामों की राजनीति काफी समय से चलती आ रही है। अभी कुछ समय पहले ही योगी सरकार ने ऐतिहासिक मुगलसराय स्टेशन का नाम बदल कर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया था। और अब शहर का नाम ही बदला गया है। इनके अलावा भी कई योजनाओं और स्थानों का नाम बदला जा चुका है। इससे पहले अखिलेश यादव और मायावती के शाषण काल में भी कई शहरों के नाम बदले गए थे।