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JDU के साथ-साथ RJD को भी बड़ा झटका देने की तैयारी में BJP ! अति पिछड़ा समाज से आने वाले पूर्व MP को दल में शामिल करा नीतीश-लालू को शिकस्त देने की प्लानिंग, ..तो अपने बड़े नेता को टिकट देने से भाजपा करेगी तौबा ?

JDU के साथ-साथ RJD को भी बड़ा झटका देने की तैयारी में BJP ! अति पिछड़ा समाज से आने वाले पूर्व MP को दल में शामिल करा नीतीश-लालू को शिकस्त देने की प्लानिंग, ..तो अपने बड़े नेता को टिकट देने से भाजपा करेगी तौबा ?

PATNA:  बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. लोकसभा चुनाव से पहले जाति गणना की रिपोर्ट ने बिहार की राजनीति को अति पिछड़ा केंद्रित कर दिया है. क्यों कि रिपोर्ट में अति पिछड़ों की आबादी 36 फीसदी बताई गई है. जातीय आंकड़ा जारी होने के बाद सभी राजनीतिक दल रिपोर्ट के आधार पर अपनी रणनीति तय करने में जुट गए हैं. खबर है कि बीजेपी अति पिछड़े नेता जो RJD-JDU में हाशिए पर हैं, उन पर फोकस करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में राजद के एक पूर्व सांसद जो अपने समाज में कद्दावर हैं, भाजपा उन्हें साथ लेना चाहती है. सब कुछ ठीक रहा तो नवरात्रा के बाद पूर्व सांसद को भाजपा में शामिल कराया जा सकता है. बताया जाता है कि अति पिछड़ा समाज से आने वाले राजद नेता को न सिर्फ दल में शामिल कराया जायेगा, बल्कि लोकसभा का टिकट भी कंफर्म है. चुनावी मैदान में उतारकर भाजपा अति पिछड़ों में बड़ा मैसेज देने की कोशिश करेगी. इस अतिपिछड़े नेता को एडजस्ट करने में भाजपा अपने एक पुराने नेता के फिर से चुनाव लड़ने की मंशा पर पानी फेर सकती है.

..तो राजद में निष्क्रिय हैं बुलो मंडल ? 

खबर है कि राजद के पूर्व सांसद इन दिनों अपने दल में निष्क्रिय गए हैं. वे पार्टी के काम से अपने आप को अलग रखे हुए हैं. हाल ही में राजद के जिलाध्यक्षों व अन्य नेताओं की बैठक तेजस्वी यादव ने ली थी. उस बैठक में नवगछिया संगठन जिला के अध्यक्ष ने अपने पूर्व सांसद की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए थे. साथ ही अपने नेता तेजस्वी यादव को सचेत किया था. बुलो मंडल की राजद के प्रति निष्क्रियता उनके सोशल मीडिया पेज पर भी दिख रही है. हाल के महीनों में बुलो मंडल के फेसबुक पेज से जो भी पोस्ट किए गए, उसमें पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल होने की तस्वीर नहीं दिख रही. हालांकि बुलो मंडल ने राजद छोड़कर भाजपा में जाने की कोई बात सार्वजनिक तौर पर कहीं नहीं कही है. लेकिन राजद के अंदर चर्चा है कि बुलो मंडल की चुप्पी ही बहुत कुछ कह रही है.

दशहरा के बाद दल में हो सकते हैं शामिल

यह तो राजद के अंदर की खबर हुई. भाजपा के अंदर की खबर यह है कि पार्टी भागलपुर से राजद के पूर्व सांसद बुलो मंडल के संपर्क में है. पूर्व सांसद भागलपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन भागलपुर लोस सीट खाली नहीं है. महागठबंधन में वो सीट जेडीयू के खाते में है. ऐसे में राजद के पूर्व सांसद सुरक्षित रास्ता तलाश रहे हैं. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पूर्व सांसद बीजेपी से संपर्क में हैं. भाजपा के एक बड़े नेता जो इस बार भागलपुर से चुनाव लड़ने की कोशिश में थे, वे इनकी राह में रोड़ा थे. खबर है कि उस बाधा को भी हटा दिया गया है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि अगर सब कुछ सामान्य रहा तो दशहरा के बाद अति पिछड़ा समाज से आने वाले राजद के पूर्व सांसद बुलो मंडल को बीजेपी में ज्वाइन कराया जा सकता है.

भागलपुर लोस क्षेत्र में गंगोता जाति की बड़ी आबादी

आखिर भाजपा इतना बड़ा रिस्क क्यों लेने जा रही ? इसके पीछे की वजह यह है कि बुलो मंडल को दल में शामिल कराकर भाजपा बड़ा मैसेज देने की कोशिश करना चाहती है. बुलो मंडल अति पिछड़ा समाज गंगौता से आते हैं. इस जाति की आबादी भागलपुर संसदीय क्षेत्र के अलावे अगल-बगल के जिलों में भी है. बताया जाता है कि सिर्फ भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में इस जाति के लगभग 2.5 से 3 लाख वोटर हैं. भागलपुर सीट से अतिपिछड़ा समाज से आने वाले नेता को उम्मीदवार बनाकर भाजपा जीत की गारंटी चाहती है.

2019 में मोदी लहर में जेडीयू कैंडिडेट ने राजद प्रत्याशी बुलो मंडल को दी थी शिकस्त  

राजद के पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल पार्टी में युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में भागलपुर के सीटिंग सांसद बुलो मंडल को हार का सामना करना पड़ा था. तब जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन था. समझौते के तहत यह सीट जेडीयू के खाते में गई थी. नीतीश कुमार की पार्टी ने अजय कुमार मंडल को उम्मीदवार बनाया था. भाजपा के सहयोग से जेडीयू कैंडिडेट ने राजद प्रत्याशी बुलो मंडल को 2 लाख 77 हजार से अधिक मतों से परास्त कर दिया था. जेडीयू कैंडिडेट अजय कुमार मंडल को 618254 मत मिले थे,जबकि राजद प्रत्याशी बुलो मंडल को 340624 वोट.

2014 के चुनाव में बुलो मंडल ने शाहनवाज हुसैन को हराया था 

2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो राजद प्रत्याशी बुलो मंडल ने भाजपा के उम्मीदवार शाहनवाज हुसैन को हरा दिया था. तब जेडीयू, भाजपा और राजद अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरी थी. जेडीयू प्रत्याशी अबू कैसर को 132256 मत मिले थे. जबकि राजद प्रत्याशी बुलो मंडल को 367623 मत और भाजपा प्रत्याशी शाहनवाज हुसैन को 358138 मत प्राप्त हुए थे. इस तरह से 2014 के मोदी लहर में भी राजद प्रत्याशी बुलो मंडल ने भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया था. जबकि जेडीयू अलग थी उससे एक मुस्लिम प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.    

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