बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

अमेजन की 'FUTURE DEAL' पर लगा ग्रहण, सौदा हुआ निलंबित, कंपनी पर लगाया गया इतने अरब का जुर्माना

 अमेजन की 'FUTURE DEAL' पर लगा ग्रहण, सौदा हुआ निलंबित, कंपनी पर लगाया गया इतने अरब का जुर्माना

DESK : फ्यूचर कूपंस को खरीदने की कोशिश में जुटे अमेजन को CCI ने बड़ा झटका दिया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी CCI ने अमेजन-फ्यूचर कूपंस सौदे को दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ सीसीआई ने अमेजन को दूसरा झटका भी दिया है। कंपनी पर कुछ प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में 202 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बता दें फ्यूचर ग्रुप को पहले मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस द्वारा खरीदने की कोशिश की गई थी, लेकिन अमेजन ने इस डील पर आपत्ती जाहिर करते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। 

सीसीआई के पास हुई थी शिकायत

अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच चल रहे कानूनी विवाद के बीच घरेलू कंपनी ने प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई के समक्ष ई-वाणिज्य कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी। उसके बाद नियामक ने अमेजन को जुलाई 2021 को नोटिस जारी किया था। बता दें कि प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई ने फ्यूचर कूपंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अमेजन के सौदे को नवंबर 2019 में मंजूरी दी थी। 

: फ्यूचर ग्रुप और मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच करीब 25 हजार करोड़ रुपए की डील हुई थी। इस डील पर अमेजन ने अड़ंगा लगाया है। अमेजन ने फ्यूचर कूपंस से अपनी डील का हवाला देकर रिलायंस से समझौते पर रोक लगाई थी। अमेजन का कहना है कि फ्यूचर कूपंस से डील के वक्त जो शर्तें रखी गई थीं, उसका उल्लंघन हुआ है। अमेजन के मुताबिक ये उल्लंघन फ्यूचर ग्रुप ने किया है। अब सीसीआई ने अमेजन-फ्यूचर कूपंस की डील को निलंबित कर दिया है। माना जा रहा है अमेजन-फ्यूचर कूपंस डील के निलंबित होने का फायदा रिलायंस को मिल सकता है। 

कोर्ट में चल रहा है अलग अलग मामला

पिछले साल फ्यूचर कूपंस डील का हवाला देकर अमेजन ने फ्यूचर समूह को अक्टूबर में सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) में मध्यस्थता के लिए घसीटा था। यहां से अमेजन को जीत भी मिली थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट भी सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के फैसले को लागू करने योग्य बताया था। इस डील का विवाद देश के अलग-अलग अदालतों में है। 

Suggested News