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तनाव के बीच भारत की सख्ती के आगे झुका कनाडा, पीएम ट्रूडो के बदले सुर, 5 दिन में भारत छोड़ कर 41 राजनयिकों को जाना होगा अपने देश

तनाव के बीच भारत की सख्ती के आगे झुका कनाडा, पीएम ट्रूडो के बदले सुर, 5 दिन में भारत छोड़ कर  41 राजनयिकों को जाना होगा अपने देश

भारत और कनाडा के बीच लगातार कूटनीतिक तनाव बढ़ रहा है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के संबंध खराब हो रहे हैं.बड़ी संख्या में राजनयिकों ने भारत को छोड़ दिया है. भारत ने पिछले महीने कनाडा से कहा था कि वह नई दिल्ली में मौजूद अपने राजनयिकों की संख्या में कटौती करे. भारत ने कनाडा को 20 अक्टूबर तक अल्टीमेटम दिया था. भारत ने कहा था कि कनाडा के 62 राजनयिक हैं, जिनमें से 41 को वह वापस बुलाए.

ट्रूडो ने कुछ दिन पहले ही संसद में एक बयान में कहा था कि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार की भूमिका हो सकती है.अभी तक निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कनाडा ने कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया था. एक बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हमने कनाडा के प्रधानमंत्री का बयान देखा है और हम उसे खारिज करते हैं. कनाडा में किसी हिंसक घटना में भारतीय सरकार की भूमिका बकवास और प्रेरित है."विदेश मंत्रालय ने कहा था, "जी20 के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात के वक्त भी कनाडा के प्रधानमंत्री ने ऐसे आरोप लगाये थे, जिन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया गया था."

कनाडा ने गुरुवार को कहा कि उसने कनाडा की जमीन पर एक खालिस्तान समर्थक की हत्या पर विवाद के बाद भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि नई दिल्ली द्वारा "उनकी राजनयिक छूट छीनने की धमकी" दिए जाने के बाद कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों और उनके 42 आश्रितों को भारत से निकाल लिया है.ओटावा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा, "भारत ने 20 अक्टूबर तक दिल्ली में 21 कनाडाई राजनयिकों और आश्रितों को छोड़कर सभी के लिए राजनयिक छूट खत्‍म करने की घोषणा की है."जोली ने कहा, "41 राजनयिकों की राजनयिक छूट को रद्द करना न केवल अभूतपूर्व है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत भी है." लेकिन साथ ही कहा कि कनाडा ने किसी तरह की जवाबी कार्रवाई करने की योजना नहीं बनाई है, ताकि "स्थिति न बिगड़े."जोली ने कहा कि अब से केवल 21 कनाडाई राजनयिक भारत में तैनात रहेंगे. जोली ने कहा, "कनाडाई लोगों और हमारे राजनयिकों की सुरक्षा हमेशा मेरी सर्वोच्च चिंता है. 

जोली ने यह भी घोषणा की कि 41 राजनयिकों को अवांछित घोषित करने के भारत के कदम से कनाडा द्वारा उस देश में प्रदान की जाने वाली सेवा के स्तर पर असर पड़ेगा. कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा, "हम चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में अपने वाणिज्य दूतावासों में सभी व्यक्तिगत सेवाओं को रोकने जा रहे हैं."

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा को 20 अक्टूबर तक अपने राजनयिक कर्मचारियों को कम करने का अल्टीमेटम दिया था. जोली ने कहा, "हमारे पास इसका पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था."

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