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भाजपा का एक और भूमिहार कार्ड, लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े बाहुबली के खिलाफ खेला सबसे बड़ा दांव, जानिए सबसे हॉट सीट का सियासी समीकरण

भाजपा का एक और भूमिहार कार्ड, लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े बाहुबली के खिलाफ खेला सबसे बड़ा दांव, जानिए सबसे हॉट सीट का सियासी समीकरण

DESK. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बड़ा दांव भूमिहार जाति के नेता को उम्मीदवार बनाकर खेला है. यह दांव यूपी के सबसे बड़े बाहुबलियों में शामिल अफजाल अंसारी के खिलाफ है. पिछले दिनों ही अफजाल अंसारी के भाई मुख़्तार अंसारी की जेल में मौत हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने कई तरह के आरोप लगाए थे. अब उसी मुख़्तार के भाई अफजाल अंसारी को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए भाजपा ने सबसे हॉट सीट में शामिल गाजीपुर में भूमिहार प्रत्याशी पर भरोसा जताया है. 

दरअसल, गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा ने पारस नाथ राय को चुनावी मैदान में उतारा है. भूमिहार जाति से आने वाले पारस नाथ राय अब चुनावी समर में गाजीपुर में कमल खिलाने की तैयारी में हैं. पारस आरएसएस से लंबे समय से जुड़े हैं. उनका घर गाजीपुर के मनिहारी ब्लॉक के सिखडी गांव में है. वह मदन मोहन मालवीय कॉलेज के संचालक हैं. पारस पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. पारस को गाजीपुर के पूर्व सांसद और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है. पहले गाजीपुर सीट से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का नाम चल रहा था. हालांकि अब पारस राय को उम्मीदवार बनाया गया है जिसे मनोज सिन्हा की मर्जी से ही माना जा रहा है. 

गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में मुख्तार अंसारी का दबदबा हुआ करता था. इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है. पिछले चुनाव में अफजाल ने भाजपा के मनोज सिन्हा को हराया था. अफजाल को 566082 वोट मिले थे. वहीं, मनोज सिन्हा को 446690 वोट मिले थे. ऐसे में इस बार 1 जून को होने वाले गाजीपुर चुनाव में अब फिर से मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है. एक ओर मुखतार की मौत के बाद सहानुभूति बटोरने में लगे अफजाल हैं तो दूसरी ओर भूमिहार और अन्य जातियों के गठजोड़ से पारस अपना सियासी समीकरण साधेंगे. 

गाजीपुर लोकसभा सीट के सियासी समीकरण पर नजर डालें तो यहां मुस्लिम वोट बैंक का जीत और हार पर बड़ा असर होता है. साथ ही भूमिहारों और कुशवाहा जाति की संख्या भी अधिक है। इसके बाद बिंद, राजपूत, ब्राह्मण और वैश्य समाज के लोगों की संख्या है. ऐसे में पारस को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने उन्हें एक बड़ी चुनौती दी है. मुख़्तार की मौत के बाद से लगातार गाजीपुर सुर्खियां बटोर रहा है. अब ऐसे में फिर से मनोज सिन्हा की तरह ही गाजीपुर में कमल खिलाने का जिम्मा पारस राय के पास है. 2014 के आम चुनाव में गाजीपुर सीट से भाजपा के मनोज सिन्हा को जीत मिली थी. उन्हें 306929 वोट मिले थे. सपा की प्रत्याशी शिवकन्या कुशवाह को 274477 और बसपा के कैलाश नाथ सिंह यादव को 241645 वोट मिले थे.

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