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कांग्रेस के एक और पूर्व सीएम थाम सकते हैं भाजपा का दामन, एक दिन पहले संयुक्त आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम ने मोदी में जताया था विश्वास

कांग्रेस के एक और पूर्व सीएम थाम सकते हैं भाजपा का दामन, एक दिन पहले संयुक्त आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम ने मोदी में जताया था विश्वास

DESK : लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कांग्रेस को लगातार अपनी ही पार्टी में झटके पर झटके लग रहे हैं। एक दिन पहले ही संयुक्त आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके किरण कुमार रेड्डी ने भाजपा में विश्वास जताया था। वहीं अब पंजाब से भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगने जा रहा है। यहां के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इस बात की चर्चा शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि चन्नी भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। बता दें कि पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह पहले ही अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर चुके हैं।  बता दें पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से कांग्रेस में चन्नी हाशिए पर चल रहे हैं। 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाजपा के करीब जाने की खबर ने कांग्रेस में खलबली पैदा कर दी है। लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति में हाशिये पर चल रहे चन्नी के भाजपा नेताओं के साथ संपर्क में होने की बात सामने आ रही थी। हार के बाद चन्नी लंबे समय के लिए विदेश चले गए। चन्नी करीब 9 महीने बाद विदेश से वापस लौटे और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। लेकिन उसके बाद से वह कांग्रेस के किसी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बने।

वहीं, भाजपा भी शुरुआती दौर में चन्नी में रुचि दिखा रही थी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा कांग्रेस से आए नेताओं से फीडबैक भी लिया गया। हालांकि भाजपा का एक वर्ग चन्नी को पार्टी में लेने के पक्ष में नहीं था। क्योंकि 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर यात्रा के दौरान जो उनके सुरक्षा में चूक हुई थी तब चन्नी ही पंजाब के मुख्यमंत्री थे।

इधर चन्नी के बीजेपी में जाने की चर्चाओं के बाद आनन-फानन में कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने चुन्नी से उनके निवास स्थान पर मुलाकात कर पार्टी को नुकसान होने से बचाने की कोशिश की।चन्नी ने भी भाजपा में जाने की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है, यह मनगढ़ंत बातें हैं जो उनके खिलाफ फैलाई जा रही हैं। 

जालधंर लोकसभा उपचुनाव पर सबकी नजर

पंजाब में जलंधर लोकभसा सीट पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे भी भाजपा भी जानती है कि चन्नी उनकी पार्टी में शामिल होते हैं तो उसका फायदा उन्हें मिलेगा। क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 से 18 सीटों पर सिमट कर रह गई चन्नी का जादू जालंधर सीट पर दिखाई दिया था। यहां पर कांग्रेस को 4 सीटों पर विजय मिली थी। वहीं, सुशील रिंकू के बाद कांग्रेस किसी भी सूरत में चन्नी को अपने से दूर नहीं होने देना चाहती थी। क्योंकि अगर चन्नी पार्टी छोड़ते तो जालंधर सीट पर उसका सीधा असर देखने को मिल सकता हैं।


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