PATNA: बीजेपी के कई सांसदों की सांसें अटकी हुई है. किसी सीटिंग सांसद की सीट सहयोगी दल के खाते मे जा रही है तो किसी सांसद का पत्ता पुअर परफॉरमेंस की वजह से कटने की चर्चा है. लेकिन बिहार बीजेपी के एक सांसद की सीट ना तो सहयोगी दल के खाते में जा रही है और ना ही वे पुअर परफॉरमेंस वाले हैं. बल्कि उनको सबसे अधिक खतरा अपने संसदीय क्षेत्र के अपने ही दल के नेताओं से है.
बिहार के चंपारण इलाके से ताल्लुक रखने वाले सांसद महोदय इस बार हैट्रिक लगाने के चक्कर में हैं. लेकिन उन्हें अपनो ने ही दम कर रखा है. उनके क्षेत्र के एक वर्तमान विधायक और एक पूर्व विधायक ने सांसद महोदय की नींद उड़ा दी है. एक पूर्व विधायक तो संगठन में एक महत्वपूर्ण पद पर हैं और पार्टी चुनाव कमेटि से जुड़ा बताया जाता है है. चर्चा है कि सांसद महोदय के खिलाफ उनके क्षेत्र के दो नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को पूरी कुंड़ली दे दी है. नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया है कि अगर उन्हें तीसरी बार पार्टी टिकट देती है तो हार तय है. लिहाजा उस सीट से उम्मीदवार बदला जाए.
कुछ समय पहले तक अपनी सीट को लेकर चिंतामुक्त सांसद महोदय की अचानक नींद गायब है. वे अपने क्षेत्र को छोड़ दिल्ली दरबार का चक्कर लगा रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि कहीं उनके विरोधी उनपर हावी ना हो जाएं और अंतिम समय में वे बेटिकट न कर दिए जाएं. इसलिए वे अभी भी दिल्ली में जमें हैं और सीट के रास्ते में पड़ने वाले कांटा-कंकड़ को हटाने मे जुटे हैं.
अब देखना होगा कि सांसद महोदय के खिलाफ नेताओं की लाँबिंग कितनी असरकारक होती है. अगर उनके दल के नेताओं का मुहिम सफल हो गया तो उक्त सीट से पार्टी किसी नए चेहरे को भी मैदान में उतार सकती है.