सीबीआई चीफ की तरह करें चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

सीबीआई चीफ की तरह करें चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

NEW DELHI : चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस तरह सीबीआई चीफ की नियुक्ति की जाती है। उसी तरह मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की भी नियुक्ति की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला उन याचिकाओं पर सुनाया है, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसे सिस्टम बनाने की मांग की गई थी।

ये फैसला जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने दिया है. बेंच ने इस मामले में पिछले साल 24 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बताया कैसे हो नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि एक कमेटी बने, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शामिल हों। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई चीफ की तर्ज पर ही मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जानी चाहिए। अदालत ने ये भी कहा कि अगर कमेटी में लोकसभा में विपक्ष के नेता नहीं हैं, तो फिर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को इसमें शामिल किया जाए।

पिछले दिनों चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में जल्दबाजी की गई।

अब तक कैसे होती थी CEC और EC की नियुक्ति?

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि मौजूदा सिस्टम लंबे समय से काम कर रहा है। चुनाव आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सचिव स्तर के सर्विंग और रिटायर अफसरों की लिस्ट तैयार होती है। इन नामों का एक पैनल बनता है जिसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. इस पैनल में प्रधानमंत्री किसी एक नाम की सिफारिश करते हैं. इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है।

अरुण गोयल की नियुक्ति पर हुआ था बवाल

पिछले साल 19 नवंबर को केंद्र सरकार ने पंजाब कैडर के आईएएस अफसर अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था।अरुण गोयल की नियुक्त पर इसलिए विवाद हुआ, क्योंकि वो 31 दिसंबर 2022 को रिटायर होने वाले थे. 18 नवंबर को उन्हें वीआरएस दिया गया और अगले ही दिन चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया। इस पर सुप्रीम कोर्ट में सीनियरस एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सवाल उठाया कि जिन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया है, वो एक दिन पहले तक केंद्र सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी थे. अचानक उन्हें वीआरएस दिया जाता है और एक ही दिन में चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया जाता है।

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