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हम आपसे कम हैं क्या...SVU की रेड में 'कार्यपालक अभियंता' भी निकला धनकुबेर, वैसे इस इंजीनियर से 'परिवहन' का यह 'दारोगा' भी कम नहीं, छुपा रूस्तम है..नाबालिग बेटे के नाम पर खरीदा 2 बीघे का भूखंड

हम आपसे कम हैं क्या...SVU की रेड में 'कार्यपालक अभियंता' भी निकला धनकुबेर, वैसे इस इंजीनियर से 'परिवहन' का यह 'दारोगा' भी कम नहीं, छुपा रूस्तम है..नाबालिग बेटे के नाम पर खरीदा 2 बीघे का भूखंड

PATNA: बिहार में जिस विभाग के अफसर पर निगरानी ब्यूरो हाथ डाल रहा,वो धनकुबेर ही निकल रहा. सरकारी सेवक हैं और इधर-ऊधर करने में माहिर हैं तो करोड़ों में खेल नहीं रहे हों, यह संभव नहीं. गुरूवार को विशेष निगरानी इकाई ने विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ आय से 1 करोड़ 3 लाख रू अधिक अर्जित करने का केस दर्ज कर पटना समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है. एसवीयू की रेड में अकूत संपत्ति का पता चला है. वैसे बिहार में सरकारी अधिकारी 'हम आपसे कम नहीं' के फार्मूले पर चल रहे हैं. इंजीनियर ही नहीं बल्कि, पुलिस,परिवहन,खनन समेत कई ऐसे विभाग हैं जिनके अधिकारी दोनों हाथ से माल बटोर रहे. इंजीनियर पकड़ में आया तब यह खुलासा हुआ. परिवहन विभाग का एक दारोगा भी कुछ नहीं. उसनें भी एक दिन में ही अपने नाबालिग बेटे के नाम पर 2 बीघा जमीन की खरीद कर ली. लेकिन जमीन खरीद की बात को सरकार से छुपा लिया. छुपाई गई संपत्ति भी आय से अधिक संपत्ति मानी जाती है. अब देखना होगा ऐसे छुपे रूस्तम पर जांच एजेंसियां कब कार्रवाई करती हैं. 

अकूत संपत्ति का मालिक निकला इंजीनियर 

आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के आरोप में विशेष निगरानी इकाई पटना ने विद्युत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड बांका में विद्युत कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रभाग के पद पर कार्यरत संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ अवैध रूप से लगभग 1,03,89,713 रुपये की बड़ी संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया है। संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ हुई जांच में विशेष सतर्कता इकाई ने पाया है कि उन्होंने चल और अचल संपत्तियां पटना (दानापुर) और अन्य जगहों पर बनाई हैं. बांका, पूर्णिया और भागलपुर में आरोपित के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी ली जा रही है. विशेष न्यायाधीश निगरानी का न्यायालय,पटना द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर विशेष सतर्कता इकाई की यह कार्रवाई हुई है. आरोपित संजीव कुमार गुप्ता के खिलाफ पीसी अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) के 13(1) (बी) के तहत मामला दर्ज किया है . रेड में इंजीनियर के ठिकानों से लाखों रू नकद मिले हैं. 

परिवहन का यह दारोगा है छुपा रूस्तम

अब जरा परिवहन विभाग के एक छुपे रूस्तम दारोगा की बात करते हैं. परिवहन विभाग के प्रवर्तन अवर निरीक्षक ने सरकार की नजरों से बचने का जबरदस्त खेल खेला. उन्होंने अपने या पत्नी के नाम पर जमीन की खरीद नहीं की. नाबालिक बेटे को आगे कर दिया. नाबालिग के नाम पर एक दिन में ही लगभग दो बीघे जमीन की खऱीद कर ली . बेटे को माईनर दिखाया और पत्नी को गार्जियन. इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री कराया. शिकारपुर निबंधन कार्यालय में नवंबर 2022 में परिवहन दारोगा ने यह रजिस्ट्री कराई है . जमीन की खरीद करना गलत नहीं पर छुपाना गलत है. छुपाई गई संपत्ति को सरकार अवैध मानती है. परिवहन दारोगा ने वही काम किया है. राजधानी के बाद अब यूपी के सीमावर्ती जिले में तैनात परिवहन विभाग दारोगा ने 2023 में संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें इसका जिक्र नहीं किया. परिवहन दरोगा ने 7 फऱवरी 2023 को संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें नवबंर 2022 में खरीदी गई 115 डिसमिल जमीन की जानकारी छुपा लिया. सरकार का स्पष्ट आदेश है कि छुपाई गई संपत्ति को अवैध (आय से अधिक संपत्ति) मान कार्रवाई की जायेगी. यानि सरकार के रूल के अनुसार, परिवहन दारोगा की अर्जित संपत्ति अवैध मानी जा सकती है. 

चंपारण के रहने वाले हैं दारोगा जी

परिवहन दारोगा के बारे में जान लें. परिवहन दारोगा का पैतृक जिला पश्चिम चंपारण है. कुछ समय पहले तक वो राजधानी में प्रतिनियुक्त थे. अब सीमावर्ती जिला में तैनात हैं. समझ सकते हैं कि जो परिवहन दारोगा एक दिन में दो बीघे जमीन की खरीद कर सकता है, वो कितना बड़ा धनकुबेर होगा. वैसे निगरानी ब्यूरो ने इसी साल किशनगंज में प्रतिनियुक्त एक परिवहन दारोगा  विकास कुमार के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी की थी. इसके पहले एक और परिवहन दारोगा श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ भी निगरानी की कार्रवाई हो चुकी हैसमस्तीपुर के तत्कालीन इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को निगरानी ने DA केस दर्ज किया था. इसके बाद कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. यह केस अभी भी जांच में है। 

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