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आसाराम को उम्रकैद की सजा, शिष्य से बलात्कार के मामले में कोर्ट ने सुनाई ऐतिहासिक सजा

आसाराम को उम्रकैद की सजा, शिष्य से बलात्कार के मामले में कोर्ट ने सुनाई ऐतिहासिक सजा

DESK. आसाराम को एक शिष्या के साथ बलात्कार के जुर्म में गुजरात के गांधीनगर स्थित सत्र अदालत ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई है.वर्ष 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आसाराम ने वर्ष 2001 से 2006 के बीच सूरत की रहने वाली महिला से कई बार बलात्कार किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके मोटेरा में स्थित उसके आश्रम में रहती थी. अदालत ने सोमवार को इस मामले में आसाराम को दोषी ठहराया था, हालांकि सज़ा पर फैसला मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. वहीं अब अदालत ने आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई है.

अदालत ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी भारती, निर्मला लालवानी, मीरा कलवानी, ध्रुवबेन लालवानी और जावंतीबेन चौधरी को बरी कर दिया. अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी

जोधपुर जेल में बंद है आसाराम : लोक अभियोजक आर सी कोडेकर ने सोमवार को कहा, “अदालत ने अभियोजन के मामले को स्वीकार कर लिया और आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (सी), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और अवैध रूप से बंधक बनाने से जुड़ी धारा में दोषी ठहराया.” विवादित बाबा फिलहाल बलात्कार के अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है.

सूरत में दर्ज किया गया था, नौ साल बाद आएगा फैसला : विशेष लोक अभियोजक आर.सी. कोडेकर ने मीडिया को बताया कि सूरत की रहने वाली एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम और सात अन्य के खिलाफ बलात्कार और अवैध तरीके से कैद रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था, जिसे 2013 में अहमदाबाद पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था. चांदखेड़ा थाना पुलिस ने आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं सहित 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें एक या एक से अधिक समूह में बलात्कार, सामान्य इरादे, अप्राकृतिक अपराध, महिलाओं पर आपराधिक बल, गलत तरीके से बंधक बनाना और आपराधिक धमकी देना शामिल है.


 

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