पति से झगड़ा हुआ तो मायके आ गई. मायके में उसका दिल भताजे पर आ गया. इश्क परवान चढ़ने लगा. संबंधों का दायरा टूट गया. यौन संबंध भी स्थापित हो गया. अब घर वालों के साथ रहना दुभर होने लगा तो घर छोड़ कर भाग गए. वापस लौटी को गर्भवती थी. भतीजे से संबंध बना तो उसने छठवीं संतान के रूप में बच्ची को जन्म दिया.
बुआ पर केस दर्ज हुआ तो हो गया खुलासा
घटना को लेकर पांच जुलाई साल 2022 को 16 वर्षीय बालक की मां ने बसंत विहार थाने में मामला दर्ज कराया.शिकायत थी कि उनकी ननद ने 16 वर्षीय सौतेले भतीजे से यौन संबंध बनाए हैं. कुछ दिन पहले वह भतीजे को साथ लेकर लापता हो गई थी. वापस लौटी तो ननद गर्भवती थी. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर आरोपी बुआ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पॉक्सों कोर्ट ने महिला को गर्भवती होने के आधार पर जमानत दे दी. महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया.
परस्पर सहमति से बना था यौन संबंध
कोर्ट में केस ट्रायल पर आया बालक लैंगिक हमले के आरोप से पलट गया. उसने कहा कि बुआ के साथ उसने अपनी सहमति से यौन संबंध बनाए थे.कोर्ट में ट्रायल के दौरान बालक अपने बयान में दोषी ठहराई गई बुआ के पक्ष में चला गया था. उसने कहा कि घटना के वक्त उसकी आयु 18 वर्ष थी. परिजनों ने स्कूल में दाखिला कराते वक्त उम्र दो साल कम लिखवाई थी.यह भी कहा कि परिजन बुआ को घर में नहीं रखना चाहते थे इसलिए यह केस दर्ज कराया.
डीएनए रिपोर्ट सजा दिलाने में अहम साबित हुई
इसी बीच कोर्ट ने बच्ची की डीएनए जांच कराई तो वह पीड़ित बालक से मिला. मुख्य पीड़ित के आरोपों से मुकरने के बावजूद कोर्ट में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि बालक के शैक्षिक दस्तावेज में घटना के वक्त उम्र 16 वर्ष साबित हुई है.
बीस साल कठोर करावास की सजा
16 साल के भतीजे से यौन संबंध बनाने की दोषी सौतेली बुआ को पॉक्सो कोर्ट ने बीस साल कठोर करावास की सजा सुनाई है. पॉक्सो कोर्ट की जज अर्चना सागर ने दोषी महिला पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया.महिला यदि नाबालिग बालक को अपनी यौनिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए उत्पीड़न करती है तो उसे भी बालक पर लैगिंक हमला माना जाता है. इसी के तहत यह फैसला आया.हैरान करने वाला मामला देहरादून का है.