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कटिहार में अबतक दो लाख लोगों का भी नहीं बना आयुष्मान कार्ड, सांसद ने कहा-इस मामले को संसद सत्र में उठाएंगे

कटिहार में अबतक दो लाख लोगों का भी नहीं बना आयुष्मान कार्ड, सांसद ने कहा-इस मामले को संसद सत्र में उठाएंगे

KATIHAR : रोटी,कपड़ा और मकान के साथ-साथ गंभीर बीमारी के हालात में इलाज के लिए एक बड़ी राशि की जरूरत होती है। इसी को देखते हुए 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन आरोग्य योजना की शुरुआत रांची झारखंड से पूरे देश भर के लिए किया था। इस योजना के तहत खासकर वैसे लोग जो किसी भी हालात में इलाज के लिए रुपया जुटाने के लिए अक्षम है। उन्हें पांच लाख तक की राशि का हेल्थ कार्ड उपलब्ध करवाया जाना है, जिसके सहारे देशभर के कई निजी अस्पतालों में भी उनका इलाज हो सके। 

इस योजना के तहत कटिहार में 19 लाख 75 हज़ार 168 कार्ड बनना था। लेकिन अब तक 1 लाख 63 हज़ार 525 ही कार्ड बनाया गया है। बड़ी बात यह है की बनाए गए कार्डो में ऐसे लोगों की सूची है जो शहर के संभ्रांत घरानों से ताल्लुक रखते हैं। यानी आमतौर पर जिनकी पहचान कटिहार में आर्थिक और सामाजिक रुप से काफी संभ्रांत के रूप में है वो भी इसके लाभार्थी है। कटिहार में इस योजना की मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी भी कैमरे पर ही दबे जुबान से इस बात को स्वीकार रहे हैं। हालांकि वह ऐसे कितने लोग जो आर्थिक रूप से काफी संभ्रांत होने के बावजूद इस योजना का लाभ ले रहे हैं। इसकी संख्या पर साफ-साफ कुछ कहने के लिए बचते दिख रहे हैं। दूसरी तरफ प्रतिदिन ऐसे कई जरूरतमंद जिसे सही मायने में इस योजना का लाभ मिलना चाहिए था। वह हर रोज इस कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इन लोगों की माने तो उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। एक तरफ समाज के ऐसे वर्ग जो हर तरह से संपन्न है। इस कार्ड का लाभार्थी है और दूसरी तरफ जरूरतमंद होने के बावजूद उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। लोगों की शिकायत है कि प्रधानमंत्री ने जिन लोगों की हालात पर विचार करते हुए इस योजना का शुरूआत किया था। जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच रहा है।

पूरे मामले पर कटिहार सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी इसे काफी गंभीर मामला बता रहे हैं। उन्होंने कहा की वह संसद सत्र के दौरान इस बात को उठाने के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलकर इसका कोई ठोस निदान निकालने की कोशिश करवाएंगे। सांसद ने ऐसे लोगों से अपील भी किया है कि अगर आप वाकई संभ्रांत है तो खुद से इस योजना के लाभ लेने से अपने आप को दूर रखें। निश्चित तौर पर एक बड़ी योजना, जो सीधे तरह से लोगों की जिंदगी से जुड़ा हुआ हो। नेक इरादे के बावजूद इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है तो गहराई से जांच कर इसका निदान करना चाहिए।

कटिहार से श्याम की रिपोर्ट 

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