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पंचायतों के सभी 'खातों' पर रोकः पंचायती राज विभाग के आदेश का शुरू हुआ विरोध, BJP विधायक ने CM नीतीश को पत्र लिख संशोधन की मांग की

पंचायतों के सभी 'खातों' पर रोकः पंचायती राज विभाग के आदेश का शुरू हुआ विरोध, BJP विधायक ने CM नीतीश को पत्र लिख संशोधन की मांग की

PATNA: बिहार में पंचायत चुनाव की डुगडुगी बज गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 24 अगस्त को चुनाव की अधिसूचना भी जारी कर दिया है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा संचालित सभी खातों के संचालन पर निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक रोक लगा दिया है। सिर्फ नल-जल योजना को पूर्ण करने की छूट दी गई है। पंचायती राज विभाग केआदेश के बाद अब सवाल उठने लगे हैं . 

पंचायती राज विभाग का आदेश गलत

पूर्वी चंपारण जिला परिषद के अध्यक्ष ने पंचायती राज संस्थाओं के सभी प्रकार के खाता पर रोक लगाने संबंधी आदेश आदेश में संशोधन की मांग की है . उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है . इसी पत्र के आलोक में भाजपा के विधायक पवन जायसवाल ने भी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पंचायती राज संस्थाओं के सभी बैंक खाता पर रोक लगाने संबंधी आदेश में संशोधन करने का आग्रह किया है. 


बीजेपी विधायक ने सीएम नीतीश को लिखा पत्र

भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि पंचायती राज विभाग ने पंचायतों द्वारा संचालित सभी प्रकार के खाता पर रोक लगा दिया है . जबकि पूर्व में लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव में कभी भी आदर्श आचार संहिता के दौरान पूर्ण या कार्य प्रगति पर रहने वाली योजनाओं का भुगतान प्रतिबंधित नहीं रहा है. वर्तमान में मनरेगा की तर्ज पर 15 में वित्त आयोग की राशि मजदूरों के खाता एवं सामग्री सप्लायर वेंडर के खाते में भेजी जाती है. सभी प्रकार के खातों पर रोक होने से राज्य का विकास का कार्य बाधित होंगे तथा मजदूरों एवं वेंडरों का भुगतान नहीं हो सकेगा . यह बिल्कुल ही न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है.  जबकि मनरेगा एवं मुख्यमंत्री गली-नली, नल-जल योजना पर यह लागू नहीं है.भाजपा विधायक ने पूर्वी चंपारण जिला में अप्रैल 2021 से कुल 180688 कार्य दिवस में मजदूरी का भुगतान चार करोड़ 17 लाख 41 हजार रुपये लंबित है. जो खाता पर रोक से प्रभावित हो रहा है. खाता पर रोक से वैसे मजदूरों को मजदूरी के लिए 4 महीने का इंतजार करना पड़ेगा . न्य जिलों में भी वेंडरों मजदूरों का भुगतान लंबित है. ऐसे में पंचायत चुनाव में पंचायत प्रतिनिधियों को इसका कोप भाजन बनना पड़ेगा और लोगों में आक्रोश बढ़ेगा. 

आदेश में संशोधन की मांग

 सीएम नीतीश को लिखे पत्र में बीजेपी विधायक ने कहा कि अभी तक बिहार विधानसभा, लोकसभा या पंचायत चुनाव में कभी भी विधायक ऐच्छिक कोष, सांसद ऐच्छिक कोष, पंचायती राज संस्थाओं की राशि अथवा मनरेगा सहित किसी भी पूर्ण, अपूर्ण योजनाओं के भुगतान पर रोक नहीं रहा है. ऐसे में पूर्व की परंपरा के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं के सभी खाता संचालन पर रोक लगाने संबंधी विभाग के आदेश को संशोधिन किया जाए। 



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