बंगाल से दीदी ने तेजस्वी को लौटाया खाली हाथ, राजद नहीं उतारेगा कोई प्रत्याशी

पटना। पश्चिम बंगाल में राजद के चुनाव लड़ने की हसरत अधूरी रह गई है। टीएमसी के साथ मिलकर सीटों के बंटवारे को लेकर राजद को निराशा हाथ लगी है। टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने तेजस्वी के साथ सीटों के बंटवारे से इनकार कर दिया है। जिसके बाद राजद की तरफ से साफ कर दिया गया है कि वह बंगाल में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगी। हालांकि तेजस्वी यादव ने कहा कि वह बंगाल में ममता बनर्जी का समर्थन करेंगे। वहीं बिहार की सियासत के नजरिए से इसे राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है और जदयू-भाजपा को अब बोलने का मौका मिल गया है
11 सीटों पर चुनाव लड़ने की जताई थी इच्छा
इससे पहले राजद ने बंगाल में 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, सोमवार को इसी मांग को लेकर तेजस्वी यादव ने सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात भी थी, लेकिन इस दौरान दोनों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बनी। जिसके बाद राजद ने बंगाल में पार्टी के चुनाव लड़ने को लेकर अपने पैर पीछे खिंच लिए हैं। हालांकि बंगाल में ममता को बिना शर्त समर्थन दिए जाने के बारे में पार्टी की ओर से विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा निरंतर देश के संघीय ढांचे और संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार किया जा रहा है। देश एक महत्वपूर्ण चौराहे पर खड़ा है। कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी का मानना है कि विपक्ष के लिए यह समय देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, विचारधारा की प्रतिबद्धता तथा सिद्धांतों की स्थिर राजनीति का है। उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि बंगाल के लोग बाहर के लोगों के हाथों बंगाली संस्कृति और पहचान को कभी भी खत्म नहीं होने देंगे। ममता बनर्जी संग सोमवार को कोलकाता में तेजस्वी यादव की हुई मुलाकात के दौरान राजद नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी, श्याम रजक और शक्ति यादव भी मौजूद रहे।
राजद ने पश्चिम बंगाल में बिहार से इतर राजनैतिक दोस्त चुने हैं। बिहार में पार्टी ने कांग्रेस और वाम दलों संग मिलकर चुनाव लड़ा था। मगर पार्टी बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन का हिस्सा नहीं बनी। हालांकि, वाम दल चाहते थे कि राजद उनके साथ आए। मगर राजद का झुकाव शुरुआत से ही तृणमूल की ओर ही था। तेजस्वी यादव ने सोमवार को ममता बनर्जी से पहले उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी मुलाकात कर बंगाल के राजनैतिक हालात पर चर्चा की। सूत्रों की मानें तो तृणमूल के समर्थन का फैसला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के स्तर से लिया गया है।