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लोन सेटलमेंट के नाम पर बैंक मैनेजर ने ग्राहकों को लगाया लाखों का चूना, मामले सामने आने के बाद फरार, बैंक में फूटा लोगों का गुस्सा

लोन सेटलमेंट के नाम पर बैंक मैनेजर ने ग्राहकों को लगाया लाखों का चूना, मामले सामने आने के बाद फरार, बैंक में फूटा लोगों का गुस्सा

MUNGER : मुंगेर शहर के दिलीप बाबू धर्मशाला के समीप स्थित इंडसइंड बैंक शाखा में वाहन ऋण सेटलमेंट के नाम पर लाखों रूपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. यहां सेटलमेंट के बावजूद ग्राहकों के एकाउंट से ईएमआई काटे जा रहे हैं। वहीं मामला सामने आने के बाद शाखा प्रबंधक उनलोगों के साथ सेटलमेंट के नाम पर ठगी कर फरार हो गया है। फिलहाल, बैंक में गड़बड़ी की सूचना पर जांच में पहुंचे बैंक के मगध क्षेत्र के रिजनल प्रोटेक्ट मैनेजर आशुतोष ने समझा-बुझा कर उपभोक्ताओं को शांत कराया और लिखित शिकायत देने को कहा। 

बताया जाता है कि इंडसइंड मार्केटिंग एंड फाइनसेंस सर्विंस प्राइवेट लिमिटेड विजनस क्रासपोंडेंट ऑफ इंडस बैंक के नाम से दिलीप बाबू धर्मशाला के समीप पोद्दार रेसिडेंट में यह संस्था खोला गया है. जो टू व्हीलर के लिए उपभोक्ताओं को फाइनसेंस करती है। ऋण सेटलमेंट होने के बावजूद खाते से ईएमआई की राशि कटने से उपभोक्ता परेशान हो गये और मैनेजर को खोजते हुए बैंक पहुंचे. जहां पर मैनेजर नहीं मिले. जिसके बाद उपभोक्ताओं एवं बैंक के अन्य स्टाफ ने मैनेजर के मोबाइल पर कॉल किया. लेकिन उनका मोबाइल स्वीच ऑफ बताया. जिसके बाद उपभोक्ताओं को पता चला कि बैंक मैनेजर उनसे ऋण सेटलमेंट के नाम पर राशि की ठगी कर फरार हो गया है. 

यह है ठगी के कुछ मामले

जमालपुर बड़ी आशिकपुर निवासी सुनील कुमार ने बताया कि उसने यहां से अपाची मोटर साइकिल फाइनेंस कराया था. 5 नवंबर 2021 को ही उसने 86 हजार 445 रूपया देकर ऋण का सेटलमेंट कर दिया. उसके ऋण को क्लोजड कर एनओसी भी दिया गया. बावजूद उसके खाते से पिछले महीने ईएमआई कट गया. 

फुलका जमालपुर के आयुष रंजन ने कहा कि 8 माह पहले ही उसने 1.94 लाख रूपया मैनेजर दिनेश कुमार को यूपीआई के माध्यम से देकर ऋण सेटलमेंट कराया था. लेकिन फिर से ईएमआई कटने लगा तो मैनेजर से शिकायत किया. जिसके बाद वह ईएमआई की राशि लौटा देता था. यहां आये तो पता चला कि उसके साथ बैंक में ठगी हो गयी है. मैनेजर को फोन करते है उसका फोन स्वीच ऑफ आ रहा है.

 यहीं हाल बीएमपी-9 के जवान किशोर पासवान के साथ हुआ है. ऋण सेटलमेंट के बाद उसे मैनुअल रसीद काट दिया गया. जब एक्टिवा वाहन का ईएमआई फिर से कटने लगा है. जिसके बाद उपभोक्ता बैंक पहुंच कर मैनेजर को खोजा. जिसके बाद पता चला कि मैनेजर ने छठ पर्व की छुट्टी पर गया तो वापस बैंक नहीं आया।

रिजनल मैनेजर ने मानी गड़बड़ी की बात

 उपभोक्ताओं ने कहा कि इस धोखाधड़ी को लेकर थाने में बैंक और बैंक मैनेजर व कर्मी के खिलाफ शिकायत करेंगे. इंडसइंड बैंक के रिजनल प्रोडेक्ट मैनेजर आशुतोष ने बताया कि कस्टमर केयर में लगातार शिकायत मिलने पर 7 दिन पूर्व यहां पर वे जांच करने पहुंचे. प्रथम जांच में बैंक की राशि में कुछ घपला मिला हैृ.  जिसे चेन्नई टीम के वरीय अधिकारी को भेजा जायेगा.

 साथ ही बताया कि तीन दिनों से वे शाखा नहीं आ रहे है और उनका मोबाइल भी स्वीच ऑफ आ रहा है. उन्होंने रिजाइन किया है और अभी वे तीन महीने के नोटिस पीरियड में है. इसको लेकर बैंक के वरीय अधिकारियों को सूचना दे दी गयी है

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