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किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर जाने से पहले लालू प्रसाद ने राजद और बेटे तेजस्वी की दी बड़ी सुरक्षा, नई कार्यकारिणी का किया गठन

किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर जाने से पहले लालू प्रसाद ने राजद और बेटे तेजस्वी की दी बड़ी सुरक्षा, नई कार्यकारिणी का किया गठन

PATNA :  किडनी के ऑपरेशन के लिए सिंगापुर जाने से पहले लालू प्रसाद यादव ने राजद  की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी भी घोषित कर दी गयी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के अलावा पहली बार चार उपाध्यक्ष बनाये गये हैं. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी को फिर से उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी है, वहीं इस बार दो नये उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव और उदय नारायण चौधरी बनाये गये हैं. वहीं तेजस्वी यादव को भी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बतौर सदस्य के रूप में जगह दी गई है।

पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनने सें वंचित रहे अब्दूल बारी सिद्दीकी को एक बार फिर से राजद का राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाया गया है।  इसके अलावा राजद में 12 सचिव बनाये गये हैं. इनमें विधायक भरत बिंद, संगीता कुमारी, संजय ठाकुर, मो. सत्तार, झारखंड के पूर्व सांसद भूरन राम आदि शामिल हैं। 

राजद एमएलसी डा. सुनील सिंह को प्रदेश कोषाध्यक्ष के साथ राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी होगी। राजद के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कुल 28 पदाधिकारी बनाये गये हैं. शेष में विधायक और सांसद शामिल किये गये हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 85 सदस्य बनाये गये हैं।

बेटे तेजस्वी को किया सुरक्षित

लालू प्रसाद शुक्रवार शाम किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर जा रहे हैं। उससे पहले पार्टी को मजबूत कर गए हैं। उनकी अनुपस्थिति में बिहार में बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी के साथ कोई छल न हो जाए, पार्टी पर कोई मुसीबत या फिर तोड़फोड़ महाराष्ट्र जैसा BJP न कर दे... इसको देखते हुए फुलप्रूप प्लान तैयार किया है। 

लालू प्रसाद का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ तो उन्हें सिंगापुर से भारत आने में अधिक समय लगना तय है। इसी को लेकर लालू प्रसाद आरजेडी को ताकतवर बनाकर वहां जाना चाहते हैं। इससे पहले जब लालू प्रसाद पिछले माह सिंगापुर गए थे, तब जाने से पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने अपने समान ताकत तेजस्वी को दी थी।

तेजस्वी को उन्होंने पार्टी का नाम और चिह्न बदलने की ताकत दी थी। यानी लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को छोड़ कर इस बारे में कोई भी दूसरा फैसला लेने को अधिकृत नहीं है। चुनाव आयोग को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है।


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