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इलाके की लड़ाई में मारा गया काल भैरव, हमलावर ने तोड़े पहले पैर, फिर पेट भी फाड़ा

इलाके की लड़ाई में मारा गया काल भैरव, हमलावर ने तोड़े पहले पैर, फिर पेट भी फाड़ा

पलामू। इंसानों में वर्चस्व की लड़ाई सामान्य बात है, लेकिन यह बात जंगली जानवरों में भी है। इस बात की सच्चाई तब सामने आई जब कर्नाटक से सैलानियों को घुमाने के लिए लाए गए नर हाथी की मौत हो गई। मारनेवाला भी कोई और नहीं बल्कि जंगल के दो नर हाथियों को बताया गया, जिसने उसपर हमला कर दिया था।

मामला पलामू टाइगर रिजर्व अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क का है, जहां कुछ 2018 में सैलानियों को घुमाने के लिए काल भैरव नामक नर हाथी कर्नाटक से लाया गया था। बताया जा रहा है कि काल भैरव को अस्वस्थ होने के कारण हाथियों के रखे जाने वाले शेड से बाहर ही खुले मैदान में सीकड़ में बांधकर रखा गया था. रात में तकरीबन 9:30 बजे उस इलाके में दांत वाले नर हाथी पहुंच गये और खुले मैदान में शांत बैठे काल भैरव पर हमला कर दिया.

जमकर हुई लड़ाई, लेकिन...

बंधे होने के कारण काल भैरव पर दोनों जंगली हाथी भारी पड़ गये. हालांकि बाद में सीकड़ तोड़कर काल भैरव ने भी जवाबी हमला किया और वहां से भागने का प्रयास किया. बांधे गये स्थल से करीब 500 फीट की दूरी तक काल भैरव व जंगली हाथियों के बीच करीब एक घंटे तक हमला जारी रहा. इस कारण जगह- जगह पर पेड़ उखड़ गये. कई पौधों को रौंद दिया गया. इस दौरान हाथियों के रौद्र रूप को देखकर वहां मौजूद किसी ने भी उनके पास जाने की कोशिश नहीं की।

काल भैरव का पेट फाड़ा, सूढ़ भी तोड़ा

हमलावर हाथी इतने आक्रामक थे कि देखते ही देखते काल भैरव को अपने दांतों से उसके पेट को फाड़ डाला. सूढ़ से उसके पैरों को तोड़ दिया. जिससे काल भैरव के आंत सहित शरीर के अन्य भाग बाहर निकल गये. इससे तड़प-तड़प कर काल भैरव ने अपनी जान दे दी.

पहली बार यहां ऐसी घटना

पलामू टाइगर रिजर्व के इतिहास में संभवत: यह पहली घटना है जब हाथियों के हमले में किसी हाथी की मौत हुई है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब तक किसी पलामू टाइगर रिजर्व के किसी भी इलाके में जंगली हाथियों के हमले में किसी जंगली हाथी को मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई है.

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