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कटघरे में बेऊर जेल प्रशासनः आखिर कैसे पहुंच रहा कैदियों तक मोबाइल? मार्च महीने में ही काराधीक्षक हो चुके हैं निलंबित

कटघरे में बेऊर जेल प्रशासनः आखिर कैसे पहुंच रहा कैदियों तक मोबाइल? मार्च महीने में ही काराधीक्षक हो चुके हैं निलंबित

PATNA: बिहार के सबसे संवेदनशील माने जाने वाले बेऊर सेंट्रल जेल समेत कई अन्य जेलों में आज सुबह छापेमारी की गई। रेड में बेऊर जेल के तीन खंड़ों से पांच मोबाईल एवं अन्य प्रतिबंधित सामान की बरामदगी हुई है। इसी के साथ बेऊर जेल प्रशासन एक बार फिर से कटघरे में खड़ा हो गया है। कुछ महीने पहले ही सूबे के सबसे संवेदनशील जेल के अँदर का एक वीडियो वायरल हुआ था। वारल वीडियो से नीतीश सरकार की भारी किरकिरी हुई थी। आनन-फानन में जांच बिठाई गई और वीडियो को सही मानते हुए बड़ी कार्रवाई की गई थी। जेल प्रशासन ने बेऊर जेल के अधीक्षक और जेलकर को निलंबित कर दिया था। अब एक बार फिर से बेऊर जेल में पांच मोबाईल एवं अन्य प्रतिबंधित सामान मिलने से जेल प्रबंधन-अधीक्षक कटघरे में हैं। आखिर  मोबाईल कैसे जेल के अंदर जा रहा? यह बड़ा सवाल है। 

3 सिपाही को निलंबित कर पर्दा डालने की कोशिश

शनिवार सुबह करीब 4:40 पर पटना जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीओ-एसडीपीओ और फुलवारी एसडीपीओ एवं पुलिसबल ने जेल में छापेमारी की। छापेमारी में 5 मोबाइल फोन 3 चार्जर सहित प्रतिबंधित सामग्री की बरामदगी हुई है. गोदावरी खंड के बाहर थैले में रखे दो मोबाइल फोन एवं एक चार्जर बरामद हुआ है. इसके लिए ड्यूटी पर तैनात कक्षपाल अर्जुन कुमार मालाकार को निलंबित करते हुए हाजीपुर जेल अटैच किया गया है. वहीं सरस्वती खंड के अलग-अलग जगह से दो मोबाइल फोन एवं एक चार्जर बरामद हुआ है. इसके लिए ड्यूटी पर तैनात कक्षपाल अर्जुन कुमार को निलंबित करते हुए मंडल कारा बिहारशरीफ अटैच किया गया है. यमुना खंड के बाहरी परिसर से एक मोबाइल फोन एवं एक चार्जर मिला है. इसके लिए ड्यूटी पर तैनात कक्षपाल नीरज कुमार सिंह को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही चौथे दफा के दफा प्रभारी उच्च कक्षपाल उदय सिंह से शो-कॉज पूछा गया है. जेल प्रशासन ने बताया है कि छापेमारी के बाद कारा की स्थिति सामान्य एवं शांतिपूर्ण है.

कटघरे में जेल अधीक्षक

लेकिन बड़ा सवाल यही है कि उच्च सुरक्षा वाले जेल के अँदर मोबाईल पहुंच कैसे रहा ? क्या यह बिना मिलीभगत के संभव है ? जेल प्रशासन की बिना मिलीभगत से जेल के अंदर मोबाईल लेजाना कतई संभव नहीं। एक बार फिर से पांच मोबाईल मिलने के बाद बेऊर जेल अधीक्षक ने तीन कक्षपालों को निलंबित कर मामले को पर्दा डालने की जरूर कोशिश की है । लेकिन इसमें बड़े लोग शामिल होते हैं। 

मार्च 2021 में बेऊर जेल के अधीक्षक हो चुके हैं निलंबित

बता दें, मार्च 2021 में बेउर जेल के अधीक्षक संजय कुमार को निलंबित कर दिया गया था. उनके पर ये कार्रवाई जेल के अंदर मोबाइल फोन बरामद होने और वीडियो वायरल होने के मामले में जांच के बाद किया गया था। जेल का एक वीडियो वायरल होने के बाद 3 मार्च को डीएम के नेतृत्व में जेल पर छापेमारी की गई थी. उस दौरान संजय कुमार ने कारागार का दरवाजा खोलने में समय लगाया था. जिससे छापेमारी के बारे में सभी कैदियों को जानकारी हो गई थी. जिसके बाद जेलर का इसमें मिली भगत होने की आशंका जताते हुए जांच के आदेश दिए थे. जेल का वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि कैदी अपने पास स्मार्ट फ़ोन रखते है. जिसको लेकर बेउर जेल में छापेमारी की गई थी. जिस दौरान दो मोबाइल फोन भी बरामद भी किया गया था. वही जब 7 मार्च को दोबारा आईजी के देखरेख में छापेमारी की गई थी तब भी एक मोबाईल फोन बरामद हुआ था. जिसके बाद उनके खिलाफ जांच के निर्देश दिए गए थे. 


 

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