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Crime News: भारत लज्जाशील नारियों का देश है, एक ऐसी खोज जो तहलका मचा देगा

Crime News: भारत लज्जाशील नारियों का देश है, एक ऐसी खोज जो तहलका मचा देगा

डेस्क...ये मनोविज्ञान जगत की अब तक की सबसे बड़ी खोज है क्राइम और क्रिमिनल्स को समझने में सब कुछ लगा दिया उसे पता नहीं था वो भी एक दिन इस का शिकार हो जाएगा परपीड़न-रति (sadism) उस मानसिक स्थिति को कहते हैं जिसमें दूसरों की अत्यधिक पीड़ा देकर व्यक्ति यौन उत्तेजना का अनुभव करता है. इस तरह का दुखद यौन व्यवहार का एक रूप है, जिसमें एक व्यक्ति यौन साथी से पीड़ित होने से संतुष्ट होता है. आंकड़ों के मुताबिक, 2% महिलाओं में ये पाया जाता पर उनको पता नहीं चलता. लेकिन महिलाएं अधिक मनोवैज्ञानिक दुःख को पसंद करती हैं,  ऐसी महिला उनलोगों को दुःख देती है:

उन लोगों पर जो पारिवारिक जीवन में उनके अधीन हैं - पति, रिश्तेदार, बच्चे

काम करने के लिए अधीनस्थ लोगों पर - छोटे कर्मचारी

सार्वजनिक स्थिति पर कम खड़े लोगों पर 

जो महिला कभी प्रेम में धोखा खा चुकीं है 

इस मामले में, दुखद जानबूझकर अपने साथी की यौन संतुष्टि को रोकता है, जानबूझकर उन कार्यों से परहेज करता है जो उन्हें सबसे बड़ी खुशी का कारण बनते हैं.

पहली नजर में ऐसे व्यक्ति की गणना करना आसान नहीं है, क्योंकि वह लंबे समय तक अपनी झुकाव छुपा सकता है. वे बाद में दिखाए जाएंगे, जब ट्रस्ट का स्तर अधिकतम किया जाएगा, और धमकाने से पीड़ित को बड़ी बलिदान मिलेगा. आधुनिक महिला की कामेच्छा आजादी-बाद की पीढ़ी पर हावी रही विक्टोरिया युग की लज्जाशीलता से अब लगभग पूरी तरह मुक्त हो चुकी है. महिलाओं का अब कहना है कि वे बिस्तर में या उससे बाहर, जो चाहे कर सकती हैं. 

शहरों में सेक्स आश्चर्यजनक रूप से उन्मुक्त हो चुका है. और यदि आप यह सोचते हैं कि आप महिलाओं की सोच के बारे में जानते हैं तो आप संभवतः गलत हैं.प्रकृति को नियमों को खेल करने से जो चीज़ सामने आई है वो आप को चौका देगी अहमदाबाद में, समलिंगी महिलाएं पर्दे से बाहर निकल आई हैं. लखनऊ में वे ज्यादातर लड़की-लड़की के बीच सेक्स के बारे में कल्पना करती हैं. महिलाएं कमसिन लड़कों के साथ आप एक चतुर्दंड युक्त बिछौने पर वस्त्रहीन लेटी हैं. आपके हाथ बंधे हैं और शरीर तेल में नहाया हुआ है. बिछौने के बगल में मध्य वय के अंकल जी कौवा जैसा पुरुष खड़ा है. उसकी लंबी, झूलती मूंछें हैं और वह चमकदार पीवीसी बॉडीसूट, ऊंची एड़ी के जूते और बैले नर्तकी जैसा टूटू पहने हुए है. उसके एक हाथ में चाबुक और दूसरे में रबर की लाल गेंद है. 

ये sadism का आखरी चरण है ये बदलाव इतना सूक्ष्म होता है की वो भी नहीं समझ पाती है  ऐसी महिलायें पॉवर, पैसे और सेक्स के लिए जीती है. ऐसी महिला भरोषा नहीं करती वो लोगों को बेइज्जती करने में नहीं चुकती क्यों की दुसरे को तकलीफ देकर उनको मज़ा आता है चाहे उसमें किसी की जान क्यों नहीं चली जाए. ऐसा केस मात्र 2% है इसलिए नार्मल लोग इसको नहीं पहचान सकते ऐसी महिला अगर तलाकशुदा हो तो कोई जानवर भी पालेंगी चाहे कुत्ता हो बिल्ली वो अपने पहले पति के शक्ल से मिलता जुलता पालेंगे जैसे कुत्ते या बिल्ले की आंख मिल सकती है. ऐसी महिलाओं की गलती नहीं होती क्यों उन्हें खुद नहीं पता होता वो ऐसी हैं.    

 

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