DESK : प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद भाषण के दौरान कोरोना काल से लेकर देश के लोकतंत्र को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि हम उसकी खाल उधेड़ सकें। उन्होंने भारत का राष्ट्रवाद न संकीर्ण है, न स्वार्थी है और न ही आक्रमक है।
पीएम ने लोकतंत्र ने पर कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीच्यूट नहीं , ह्यूमन इन्स्टीच्यूट है। प्राचीन भारत के लोकतंत्र का इतिहास रहा है। भारत का राष्ट्रवाद न संकीर्ण है, न स्वार्थी है और न ही आक्रमक है, यह सत्यम शिवम सुन्दरम के मूल्यों पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि यह बातें आजाद हिंद भारत के नेता सुभाष चंद्र बोस ने कही। हमने उनके विचारों को भूला दिया, जिसका परिणाण हम भूगत रहे हैं। आज देश वासियों को यह बात जानने की जरुरत है कि भारत का राष्ट्रवाद कैसी है। दुनिया को यह बताना होगा कि भारत लोकतंत्र की जननी है।