बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

कुढ़नी उपचुनाव में भूमिहार-ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट की होगी अहम भूमिका, कार्यकारी अध्यक्ष ने बता दिया भाजपा या जदयू में किसे करेंगे समर्थन

कुढ़नी उपचुनाव में भूमिहार-ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट की होगी अहम भूमिका, कार्यकारी अध्यक्ष ने बता दिया भाजपा या जदयू में किसे करेंगे समर्थन

NEW DELHI : बिहार में आगामी पांच दिसंबर को होनेवाले उप चुनाव के लिए भाजपा, महागठबंधन सहित वीआईपी के साथ AIMIM ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जहां भाजपा ने अपने पुराने प्रत्याशी केदार गुप्ता पर विश्वास जताया है। वहीं महागठबंधन में इस बार राजद की जगह जदयू की तरफ से मनोज कुशवाहा को मौका दिया गया है। पिछड़ो की राजनीति करनेवाली मुकेश सहनी की वीआईपी ने भी एक भूमिहार पर भरोसा जताया है। ऐसे में अब इस सीट पर अगड़ी जाति के वोट किसे मिलेंगे। इस पर चर्चा शुरू हो गई है। यहां भूमिहार के वोट अच्छी संख्या में है। ऐसे में जिस पार्टी को भूमिहार के साथ ब्राह्मणों के वोट मिलेंगे, उनकी जीत तय मानी जा रही है।

भूमिहार – ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट की बड़ी भूमिका

भूमिहारों का वोट किस पार्टी को मिले, इसमें भूमिहार – ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट की बड़ी भूमिका होनेवाली है। उनके वोट किसे मिलेंगे, इसको लेकर संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने स्पष्ट कर दिया है। मुजफ्फरपुर जिले की राजनीति को काफी करीब से समझनेवाले अजीत कुमार ने बताया कि संगठन में सभी पार्टियों से जुड़े लोग शामिल हैं। ऐसे में किस पार्टी को संगठन सपोर्ट करेगी, इसको लेकर बैठक बुलाई जा रही है। बैठक में इस बात का फैसला होगा कि भूमिहार और ब्राह्मण किस उम्मीदवार को अपना समर्थन देंगे।


जो सम्मान देगा, हम उनके साथ

न्यूज4नेशन के साथ बातचीत में अजीत कुमार ने यह साफ कर दिया कि इस बार चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टियों ने पुराने लोगों पर भरोसा जताया है। जिनके काम को उस क्षेत्र की जनता देख चुकी है। ऐसे में हमारे संगठन का स्पष्ट रूख है कि जिस पार्टी में भूमिहारों और ब्राह्मणों को ज्यादा सम्मान मिलेगा, हम उनका समर्थन करेंगे। 

हमारे समाज के वोट करेंगे फैसला

अजीत कुमार ने साफ कर दिया कि उप चुनाव में भूमिहार और ब्राह्मणों के वोट ही जीत हार का फैसला करेंगे। बोचहां उपचुनाव में हमने यह दिखा दिया था। इस बार संगठन को जिस पार्टी ने इग्नोर किया, उन्हें चुनाव में इसका परिणाम झेलना होगा। 

वीआईपी की बड़ी भूमिका

अजीत कुमार ने उपचुनाव में वीआईपी के उम्मीदवार को लेकर भी अपना रूख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि भले ही मुकेश सहनी ने एक भूमिहार को मौका दिया है। लेकिन सवाल यह है कि उन्होंने मोकामा और गोपालगंज में अपने उम्मीदवार क्यों नहीं उतारे। संगठन इस बात को जरूर देखेगी कि आपका पूर्व का काम कैसा रहा है। इसके आधार पर संगठन फैसला लेगी।


Suggested News