बिहार BJP पर पॉलिटिकल 'स्ट्राईक' की तैयारी ! झारखंड के बाद बिहार और अब UP में भाजपा के कोर वोटर की 'जाति' से बने कांग्रेस अध्यक्ष

बिहार BJP पर पॉलिटिकल 'स्ट्राईक' की तैयारी ! झारखंड के बाद बिहार और अब UP में भाजपा के कोर वोटर की 'जाति' से बने कांग्रेस अध्यक्ष

PATNA: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने धुर विरोधी भाजपा पर बड़ा पॉलिटिकल स्ट्राइक किया है. बिहार में भाजपा की घेराबंदी कैसे हो, इस पर खास फोकस किया जा रहा है. बीजेपी के कोर वोटरों को अलग करने की रणनीति पर काम किया जा रहा. अब इसे संयोग कहें या प्रयोग पर कांग्रेस पार्टी ने पहले झारखंड फिर बिहार और अब यूपी में प्रदेश अध्यक्ष की जो नियुक्ति की है, उससे भाजपा को बेचैन कर दिया है. कांग्रेस ने एक-एक कर तीनों राज्यों में भूमिहार समाज से आने वाले कद्दावर नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है. यह वर्ग बिहार भाजपा का लड़ाका और कोर वोटर माना जाता है, लेकिन कांग्रेस ने बिहार,झारखंड और अब उप्र में भूमिहार समाज के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कोर वोटरों को तोड़ने की बड़ी चाल चली है. 

झारखंड के बाद बिहार और अब यूपी की बारी 

कांग्रेस पार्टी ने अगस्त 2021 में पड़ोसी राज्य झारखंड में कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राजेश ठाकुर को बिठाया. राजेश ठाकुर भूमिहार समाज से आते हैं. हालांकि कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा इनके खिलाफ है. लंबे समय से यह चर्चा है कि झारखंड कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सकता है. हालांकि राजेश ठाकुर अब भी झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष पद पर काबिज हैं और संगठन की मजबूती पर काम कर रहे हैं. झारखंड के बाद बिहार की बारी आई. आठ माह पूर्व भूमिहार समाज से आने वाले कद्दावर नेता अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर बड़ा मैसेज दिया गया. अखिलेश सिंह लगातार इस कोशिश में जुटे हैं कि भूमिहार वोटर पार्टी के साथ जुड़े. अखिलेश सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं, वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और दबंग किस्म के नेता माने जाते हैं. बता दें, बिहार में अगड़ी जाति में भूमिहारों का दबदबा रहा है. 

संयोग या प्रयोग पर तीनों राज्यों में भूमिहार अध्यक्ष

अब बात करते हैं पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की. कांग्रेस आलाकमान ने 17 अगस्त को यूपी में बड़ा प्रयोग किया है. पूर्वांचल का बड़ा चेहरा अजय राय को यूपी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. अजय राय लड़ाका हैं और भूमिहार समाज से आते हैं. अजय राय काफी समय पहले भाजपा से जुड़े थे. पहले विधायक रहे हैं और कांग्रेस में पूर्वांचल का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। पूर्वांचल में कांग्रेस को न तो मजबूती मिल रही थी और ना ही कोई खास प्रदर्शन कर पा रही थी। ऐसे में पूर्वांचल में अजय राय को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक बड़ा मैसेज दिया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने यूपी में उंची जातियों को अपने साथ जोड़ने का संकेत दिया है। इस तरह से अजय राय के यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष बनते ही अब हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में पार्टी की कमान भूमिहार समाज के नेताओं के पास आ गई है. 

बता दें, बिहार में भूमिहार वोटर भाजपा के कोर वोटर माने जाते हैं. इस समाज का अधिकांश वोटर भाजपा के पाले में जाता है. हालांकि, हाल के दिनों में बीजेपी नेतृत्व के कई निर्णयों से कोर वोटरों में नाराजगी बढ़ी है. इसी बीच कांग्रेस पार्टी का भूमिहार प्रेम जाहिर होने से भाजपा की चिंता बढ़ गई है. अगर कोर वोटरों का झुकाव कांग्रेस की तरफ हुआ तो आगामी लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर भाजपा को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. 

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