भूमिहार सांसद को मिलेगा बड़ा मंत्रालय ! अब तक कई PM ने दी है अपनी कैबिनेट में जगह, बिहार से इस जाति के कौन-कौन नेता बने हैं केंद्रीय कैबिनेट-राज्य मंत्री ? जानें...

PATNA: लोकसभा के चुनाव परिणाम आ गए हैं. नई सरकार के गठन की कवायद जारी है. नरेंद्र मोदी तीसरी दफे प्रधानमंत्री बनेंगे इसकी पूरी संभावना है. एनडीए के घटक दलों ने उन्हें अपना नेता चुन लिया है. बिहार की बात करें तो एनडीए को 30 सीटें मिली हैं. इनमें भाजपा-12, जेडीयू-12, लोजपा- 5 और हम को 1 सीट. अब केंद्रीय कैबिनेट में जगह दिए जाने की चर्चा शुरू है. जेडीयू-भाजपा-लोजपा और हम से मंत्री बनेंगे, इसकी पूरी संभावना है. लेकिन कौन-कौन सांसद मंत्री बनेंगे, इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म है. बिहार की राजनीति जाति के इर्द-गिर्द घूमती है. केंद्रीय मंत्रालय में किस जाति के नेता पहुंचेंगे, इस पर गपशप जारी है. खबर है कि भूमिहार समाज से आने वाले सांसद को इस बार भी बड़ा मंत्रालय मिल सकता है. वैसे इस समाज से चुन कर संसद पहुंचने वाले सांसदों को कई प्रधानमंत्रियों ने अपनी कैबिनेट में जगह दी है. कुछ को कैबिनेट मंत्री तो कई को राज्यमंत्री बनाया गया है. चौधरी चरण सिंह का कार्यकाल हो या फिर राजीव गांधी प्रधानमंत्री हों, चंद्रशेखर हों या पी.वी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी हों या फिर मनमोहन सिंह. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में भी भूमिहार जाति के सांसद को मंत्री बनाया गया.
ललन सिंह रेस में आगे...मिल सकता है बड़ा मंत्रालय
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भूमिहार जाति से किसे प्रतिनिधित्व मिलेगा ? रेस में कई नाम हैं, लेकिन बनना तो किसी एक को ही है. इस बार के चुनाव में एनडीए गठबंधन में भूमिहार जाति के तीन सांसद चुन कर संसद पहुंचे हैं. भाजपा से दो...गिरिराज सिंह और विवेक ठाकुर, जबकि जेडीयू से ललन सिंह जीते हैं. गिरिराज सिंह लंबे समय से मोदी कैबिनेट में मंत्री रहे हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गिरिराज सिंह अब तक कैबिनेट मंत्री का जिम्मा संभाल रहे, जबकि 2014 से 2019 तक राज्यमंत्री का दायित्व था. इस बार क्या होगा....अधिक संभावना है कि भाजपा कोटे वाले भूमिहार सांसद इस बार मंत्री नहीं बन पाएं, इसके पीछे की बड़ी वजह है. केंद्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. नीतीश कुमार और नायडू की बैशाखी के सहारे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचेंगे. ऐसे में भाजपा को नीतीश कुमार की मांग हर हाल में स्वीकार करनी पड़ेगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू कोटे से ललन सिंह समेत कई नेताओं के नाम मंत्री बनने की रेस में हैं. ललन सिंह भूमिहार समाज से आते हैं,नीतीश कुमार के विश्वास पात्र और सबसे वरिष्ठ हैं. ऐसे में पूरी संभावना है कि ललन सिंह को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ा मंत्रालय दिया जाय.
भाजपा कोटे से भूमिहार सांसदों का मंत्री बनने की संभावना कम
मोदी सरकार में ललन सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाये जाने के बाद दूसरे भूमिहार नेताओं के लिए दरवाजे बंद हो सकते हैं. अब तक भाजपा कोटे से गिरिराज सिंह मंत्री थे. ललन सिंह और गिरिराज सिंह न सिर्फ एक ही जाति(भूमिहार) से हैं बल्कि लोकसभा क्षेत्र भी सटा हुआ है. ललन सिंह मुंगेर जबकि गिरिराज सिंह बेगूसराय से सांसद बने हैं. भाजपा के दूसरे सांसद विवेक ठाकुर भी नवादा से चुनाव जीते हैं. नवादा भी मुंगेर-बेगूसराय के आसपास ही है. ऐसे में जाति और भौगोलिक क्षेत्र की वजह से भूमिहार जाति से जीते तीन सांसदों में एक(ललन सिंह) को ही मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है.
बेगूसराय से सांसद श्यामनंद मिश्रा बने थे विदेश मंत्री
अब आपको बताते हैं कि भूमिहार जाति से आने वाले बिहार के किन-किन नेताओं को अब तक की केंद्र सरकार में कैबिनेट और राज्य मंत्री बनाया गया है. कैबिनेट मंत्री की बात करें तो श्यामनंद मिश्र को विदेश मंत्रालय का जिम्मा दिया गया था. बेगूसराय से सांसद रहे श्यामनंदन मिश्र विदेश मंत्री रहे थे. 28 जुलाई 1979 से 13 जनवरी 1980 तक चौधरी चरण सिंह के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री थे. श्याम नंदन मिश्रा का जन्म 20 अक्टूबर 1920 कोपटना के गोनावां में एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एलपी शाही भी केंद्र सरकार में रहे थे मंत्री
ललितेश्वर प्रसाद शाही (01अक्तूबर 1920- 09 जून, 2018) एल.पी. शाही नाम से चर्चित थे. वे वर्ष 1952 से वर्ष 1984 तक बिहार विधान सभा के सदस्य रहे और आठ मुख्यमंत्रियों के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे. वर्ष 1984 में मुजफ्फरपुर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए. वे बिहार सरकार में शिक्षा, सिंचाई, सहकारिता, कृषि, स्वास्थ्य, पंचायत, आपूर्ति, खनन, उद्योग, ट्रांसपोर्ट, जन संपर्क समेत कई विभागों के मंत्री थे. वो केंद्र सरकार में भी मंत्री रह चुके थे. एलपी शाही वर्ष 1988 में राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री रहे हैं.
ललित विजय सिंह का जन्म 16 सितंबर 1931 को हुआ था. उनका निधन 8 नवंबर 1998 को हुआ. वे 1989 के भारतीय आम चुनावों में बेगूसराय से जनता दल के टिकट पर लोकसभा के सदस्य चुने गए थे। वे चंद्रशेखर सिंह की सरकार में 21 नवंबर 1989 से 25 अप्रैल 1990 तक केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री रहे थे.
कृष्णा शाही कई मंत्रालय में बनीं राज्य मंत्री
बेगूसराय से सांसद रहीं कृष्णा शाही राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में मानव संसाधन मंत्री और जल संसाधन राज्य मंत्री बनीं थी. इसके बाद बाद पीवी नरसिंह राव के कार्यकाल में वह उद्योग( 1992-1995), भारी उद्योग(1993-95) व सिविल सप्लाई व कंज्यूमर्स अफेयर्स विभाग(1995-96) की मंत्री रहीं। हालांकि वे राज्यमंत्री का ही जिम्मा संभालीं.
अटल जी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सीपी ठाकुर
वहीं, पटना से भाजपा सांसद डॉ. सीपी ठाकुर को अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. 22 नवंबर 1999 से 26 मई 2000 तक केंद्रीय जल संसाधन कैबिनेट मंत्री रहे. इसके बाद 27 मई 2000 से 30 जून 2002 तक केंद्रीय कैबिनेट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री का जिम्मा संभाला. 29 जनवरी 2003 से मई 2004 तक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, लघु उद्योग, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के प्रभार में रहे.
कृषि राज्य मंत्री रहे अखिलेश सिंह
मनमोहन सिंह की सरकार में मोतिहारी से राजद के टिकट पर चुनाव जीते डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह भी राज्य मंत्री बने थे. वे 2004 से 2009 तक मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल के दौरान कृषि एवं खाद्ध उपभोक्ता मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाये गए थे.
गिरिराज सिंह पहले राज्य फिर केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने
2014 में नवादा से चुनाव जीते गिरिराज सिंह 2014 से 19 तक मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। दूसरे कार्यकाल में ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा मिला.