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बड़ा खुलासाः राज्य स्वास्थ्य समिति के 'एंबुलेंस' टेंडर में बड़ा खेल ! RJD विधायक ने किया था खुलासा..पर एक्शन नहीं, अब 'तेजस्वी' से करेंगे शिकायत

बड़ा खुलासाः राज्य स्वास्थ्य समिति के 'एंबुलेंस' टेंडर में बड़ा खेल ! RJD विधायक ने किया था खुलासा..पर एक्शन नहीं, अब 'तेजस्वी' से करेंगे शिकायत

PATNA: बिहार के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए सरकार ने एंबुलेंस की व्यवस्था की है। एंबुलेंस संचालन का जिम्मा निजी कंपनी को टेंडर के माध्यम से दी जाती है। लेकिन यहां तो हर चीज में सेटिंग है। पहुंच-पैरवी की बदौलत असंभव काम को भी संभव बना दिया जाता है। टेंडर में बड़े स्तर पर सेटिंग की बात सामने आती है। यहां तो टेंडर के गोपनीय कागजात मार्केट में घूमते हैं। खुलासा होने के बाद भी जांच का दिखावा किया जाता है। जांच के नाम पर मामले को दबाने की कोशिश भी की जाती है। टेंडर फाइनल होता नहीं और गोपनीय कागजात पब्लिक डोमेन में आ जाता है। राज्य स्वास्थ्य समिति के एक टेंडर की पोल अब के सत्ताधारी दल राजद के विधायक ने ही खोली थी। चार महीने बीत गए, न तो आज तक जांच पूरी हुई और न ही नया टेंडर हुआ। राजद विधायक ने कहा है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब वे अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इसकी शिकायत करेंगे।

राजद विधायक ने एंबुलेंस टेंडर में गड़बड़ी का किया था खुलासा 

 राजद के विधायक मुकेश कुमार रौशन ने 27 जुलाई 2022 को एक साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को पत्र लिखकर गड़बड़ी की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया था। राजद विधायक मुकेश रौशन ने टेंडर में विभागीय मिलीभगत से किस तरह से गड़बड़ी की गई, इसे सार्वजनिक किया था। साथ ही सरकार से जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया था। 27 जुलाई से आज 28 नवंबर है, कोई कार्रवाई नहीं हुई। राजद विधायक ने सरकार को लिखे पत्र में कहा था कि बिहार में लोक साझेदारी के तहत एंबुलेंस एवं शव वाहन परिचालन के लिए एजेंसी चयन को लेकर बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा 5 अप्रैल 2022 को टेंडर निकाला गया था. जिसका टेंडर पत्रांक 01/ HSB/PPP/एम्बुलेंस 2022-23 है। मिली जानकारी के अनुसार टेंडर का मूल्यांकन चल ही रहा था, इसी बीच विभाग के कुछ पदाधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से निविदाकारों के संवेदनशील दस्तावेज को निविदा परिणाम आने के पहले ही लीक कर दिया गया. इसकी जानकारी विभाग के वरीय पदाधिकारियों को भी है. लेकिन अभी तक विभाग के द्वारा उक्त निविदा को रद्द करने तथा दोषी निविदाकर्ता के ऊपर निविदा मूल्यांकन की कंडिका-7 के तहत कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में इस टेंडर की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए निविदा को रद्द कर फिर से नई नीति के तहत निविदा कराएँ।

अब तेजस्वी यादव की शरण में जाएंगे राजद विधायक 

चार महीने बीतने के बाद भी जांच कहां तक पहुंची, इसकी जानकारी शिकायतकर्ता विधायक को नहीं है। राजद विधायक मुकेश कुमार रौशन से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति के टेंडर में बड़े स्तर पर गड़बड़ी का हमने खुलासा किया था। हमने विभाग को पत्र लिखा था। पत्र के बाद आज तक लिखित कोई भी जानकारी उन्हें नहीं दी गई। सिर्फ एक बार मौखिक जानकारी दी गई थी कि इसकी जांच की जा रही है। लेकिन आज तक निविदा को रद्द नहीं किया गया है। हम चाहते हैं कि नए नियम से निविदा का प्रकाशन हो। जांच के बारे में भी कोई अपडेट नहीं है। सत्ताधारी राजद के विधायक ने कहा कि चार महीने हो गए, कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में वे अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से शिकायत करेंगे। हालांकि इस मामले में विभाग के स्तर से क्या कार्रवाई हुई,राज्य स्वास्थ्य समिति के स्तर से कोई जानकारी नहीं दी गई है।हमने जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। 

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