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रजिस्ट्री ऑफिस में बड़े फर्जीवाड़ा खेल का हुआ पर्दाफाश, नहीं रुक रहा जमीन के अवैध खरीद फरोख्त का धंधा, पुलिसकर्मी को बनाया निशाना

रजिस्ट्री ऑफिस में बड़े फर्जीवाड़ा खेल का हुआ पर्दाफाश, नहीं रुक रहा जमीन के अवैध खरीद फरोख्त का धंधा, पुलिसकर्मी को बनाया निशाना

KATIHAR: कटिहार में रजिस्ट्री ऑफिस से एक बड़े फर्जीवाड़ा के खेल का खुलासा हुआ है। जहां दो लोगों ने मिलकर फर्जी तरीके से एक पुलिसकर्मी और उसके भाई की जमीन फर्जी आधार कार्ड और डॉक्यूमेंट के आधार पर दूसरे किसी व्यक्ति को रजिस्ट्री कर दिया है। बड़ी बात यह है रजिस्ट्री के दौरान दोनों व्यक्तियों की नकली फोटो को रजिस्ट्री के डीड पेपर में चिपका कर जमीन को रजिस्ट्री किया गया है।

दरअसल, वर्तमान में सीतामढ़ी पुलिस केंद्र में सिपाही पद पर तैनात कलीमुद्दीन और सिवान में नौकरी करने वाले उनके भाई आफताब ने कटिहार के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मौजा नया टोला हॉल्ट के पास कुल 379 डिसमिल जमीन खरीदा था। मगर इस जमीन को पहले 5 जुलाई 2023 को 57 डिसमिल और फिर 14 अगस्त 2023 को फर्जी दस्तावेज के आधार पर कलामुद्दीन और आफताब बनकर दो लोगों ने बेच दिया। मूल रूप से सिवान के रहने वाले पुलिसकर्मी कलामुद्दीन और उसके भाई को जब किसी तरीके से मामले का भनक लग तो उन लोगों ने अंचल ऑफिस पहुंचकर पहले तो मोटेशन को रुकवाया और अब रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचकर ऐसा कैसे संभव हो सकता है इस पर पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिसकर्मी कलामुद्दीन का कहना है कि जिस दिन रजिस्ट्री हुआ है वह ड्यूटी पर सीतामढ़ी जिला में तैनात था। कई सबूत उसके पास है जबकि उसके भाई एमआर का काम करते हैं और वह उस दिन भी सिवान में ही था। इसका प्रमाण भी उसके पास है। कलीममुद्दीन और आफताब ने सभी दस्तावेज की साथ-साथ दोनों फर्जी विक्रेताओं की फोटो और फर्जी सिग्नेचर के आधार पर बेचे गए प्रॉपर्टी के कागजात को लेकर जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

वहीं इस पूरे मामले पर जिला निबंधक अजय कुमार ने बताया कि हो सकता है यह मामला सही हो इसलिए कोई भी जमीन खरीद बिक्री से पहले क्रेता और विक्रेता को इसकी विस्तृत जानकारी ले लेना चाहिए क्योंकि निबंधन कार्यालय के पास इसकी सत्यापन का कोई उपाय नहीं होता है। आगे सक्षम न्यायालय ही इस मामले में उचित निर्णय दे सकते है। कटिहार जिला निबंधन पदाधिकारी के अनुसार निबंधन कार्यालय के पास रजिस्ट्री के लिए जमीन के बारे में दिए गए आवेदन से जुड़े सत्यापन का कोई उपाय नहीं है, लेकिन आधार कार्ड, फोटो के आधार पर निबंधन कार्यालय में जो प्रक्रिया पूरा किया जाता है उस में कुछ ऐसा सिस्टम डेवलप होना चाहिए ताकि इस तरह का फर्ज़ीवाड़ा के खेल को रजिस्ट्री से पहले ही रोका जा सके। 

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