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हाजीपुर में रामविलास पासवान का बड़ा अपमान, सीपेट संस्थान में गटर ढंकने के लिए उनके शिलापट्ट का हो रहा इस्तेमाल

हाजीपुर में रामविलास पासवान का बड़ा अपमान, सीपेट संस्थान में गटर ढंकने के लिए उनके शिलापट्ट का हो रहा इस्तेमाल

HAJIPUR  :  केंद्रीय मंत्री  चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान ने हाजीपुर के लिए क्या-क्या नहीं किया. हाजीपुर पहुंचते ही उनके नाम का शिलापट्ट कई जगहों पर दिख जाएगा. उनके काम की चर्चा इलाके के पुराने लोग करते नहीं थकते. हाजीपुर में सीपेट यानी सेंटल इंस्टिच्यूट ऑफ पैट्रोकेमिकल इंजीनियरंग एंड टेकनोलॉजी उन्ही की ही देन है. पर मौजूदा वक्त में सीपेट संस्थान ने रामविलास पासवान को भूलाया ही नहीं है, बल्कि उनकी घोर उपेक्षा भी कर रही है.

दरअसल, हाजीपुर में जैसे ही पत्रकारों की एक टीम सीपेट संस्थान के अंदर गई, वहां एक बंद नाले का गटर दिखा और गटर उसी शिलापट्ट से ढंका था, जिसका उद्घाटनकर्ता के तौर पर रामविलास पासवान का नाम लिखा था. यानी सीपेट संस्थान के अंदर रामविलास पासवान वाला शिलापट्ट गटर ढंकने के काम में इस्तेमाल किया जा रहा है. जब इस बाबत सीपेट संस्थान से जुड़े अधिकारी से पूछा गया तो वो पत्रकार को ही हाथ पकड़ बाहर करने लगे और पूछने लगे आप अंदर कैसे आए. फिर पत्रकार के तरफ से कहा गया कि आप कैसे रामविलास पासवान के शिलापट्ट के साथ ऐसा कर सकते हैं. जबाव आया- इधर आओ, इधर चलो. बात क्या करना है, ऐसे माइक लगा देगा तो जवाब देते रहेंगे. 

चिराग के जीजा ने बताया अपमान, प्रिंसिपल को करें निलंबित

इस मामले को लेकर चिराग पासवान के जीजा सह आरजेडी दलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल साधू ने ट्वीटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि श्रद्धेय रामविलास पासवान जी ने हाजीपुर को इतना शानदार तोहफ़ा दिया.सिपेट जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को लेकर वो हाजीपुर आएं। आज उनके मरणोपरांत शीलापट्ट को हटाकर उससे नाले के गटर को ढंक दिया गया है। पिछले दस सालों से पासवान जी के परिजन ही हाजीपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ! पांच सांसद हैं लेकिन किसी ने अभी तक आवाज नहीं उठाया और उनकी विरासत को इस तरह से कलंकित किया जा रहा है। सब खामोश हैं। पर मैं खामोश नहीं रहूंगा। इसका प्रबंधन पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार है। यहां के प्रिंसिपल एवं निर्देशक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और ससम्मान स्वर्गीय रामविलास पासवान जी के शिलापट्ट को पुनर्स्थापित करना चाहिए।

गौरतलब है कि साल 1994 में हाजीपुर में सीपेट संस्थान बनाया गया था. पूरा कैंपस 5.65 एकड़ में फैला है. यहां तीन तरह के डिप्लोमा कोर्स होता है. पहला पोस्ट ग्रेजूएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग जो कि दो सालका कोर्स है, दूसरा डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेकनोलॉजी जो तीन साल का कोर्स हैऔर तीसरा डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोउल्ड टेकनोलॉजी जो तीन साल का कोर्स है. सीपेट संस्थान राम विलास पासवान के काम की एक झलक भर है. उन्होंने तो अपने दम पर ऐसे कई संस्थान हाजीपुर में लेकर आए।

REPORT - DEBANSHU PRABHAT

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