मुजफ्फरपुर में आमने सामने हुए कांग्रेस और बीजेपी के बड़े नेता, जमकर हुई तू तू मैं मैं, पुलिस ने मामले को कराया शांत

MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर में कांग्रेस और बीजेपी के बड़े नेता आमने सामने आ गए। फिर क्या दोनों में जमकर बकझक हुई। मामला इतना बिगड़ गया की मौके पर पुलिस को आना पड़ा। दरअसल, आगामी 28 नवंबर को मुजफ्फरपुर के तिलकमैदान रोड स्थित रामदयालु सिंह स्मृति भवन मे प्रथम विधानसभा अध्यक्ष रामदयालु सिंह की पुण्यतिथि मनाने को लेकर बीजेपी के तरफ़ से तैयारी चल रही थी। इसी दिन मूर्ति का अनावरण भी होना हैं, लेकिन उससे पहले कांग्रेस और बीजेपी के दो बड़े नेता आपस में उलझ गए और मामला थाने तक पहुंच गया। जिसके बाद पुरे मामले में पुलीस को हस्तक्षेप करना पड़ा तब जाकर मामला हुआ शांत।
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर जिला कांग्रेस भवन के सटे रामदयालु सिंह स्मृति का भवन है। जो पहले कांग्रेस भवन के हिस्सा में था। बाद में ये ट्रस्ट को दे दिया गया। जिसके सचिव बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा हैं। आगामी कार्यक्रम को लेकर साफ सफाई चल रहा था , लेकिन इसी दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अरविन्द मुकुल ने काम कर रहे मजदूरों को काम रोकने को कहा। धीरे धीरे मामला तूल पकड़ने लगा। जिसके बाद बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुरेश शर्मा और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अरविन्द मुकुल में फोन पर काफी हॉट टॉक हो गई। जिसके बाद सुरेश शर्मा भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान दोनों पार्टियों के लोग काफी आक्रोशित थे। जिसको लेकर मामले में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा हालांकि फिलहाल मामले को शांत करा लिया गया है।
मामले को लेकर बीजेपी नेता व विहार सरकार के पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने उन्हें गन्दी गन्दी गाली दी है और सड़क की सफाई पर रोक लगा दी है। वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अरविन्द मुकुल ने आरोप लगाया कि सुरेश शर्मा ने उन्हें धमकी दी हैं, उनके साथ कुछ भी हो सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रामदयालु बाबू कांग्रेस के थे, लेकिन अब इसमें बीजेपी नेता घुसकर उनकी मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, जबकि कांग्रेस रामदयालु बाबू की मूर्ति लगाएगी। फिलहाल मामले को लेकर पुलिस जांच में जुट गई है। फिलहाल काम को रोक दिया गया है और अंचलधिकारी को मौक़े पर बुलवाकर जमींन की नापी कराने के बाद ही कुछ काम कराया जाएगा।