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रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल का बड़ा आदेशः बिना निबंधन किसी 'प्रोजेक्ट' का अखबार-सोशल मीडिया पर नहीं कर सकते प्रचार, वैसे 407 प्रोजेक्ट के प्रचार पर लिया था स्वतः संज्ञान

रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल का बड़ा आदेशः बिना निबंधन किसी 'प्रोजेक्ट' का अखबार-सोशल मीडिया पर नहीं कर सकते प्रचार, वैसे 407  प्रोजेक्ट के प्रचार पर लिया था स्वतः संज्ञान

PATNA: बिहार रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। इस निर्णय से ग्राहक अब बिना निबंधन वाले प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से बचेंगे। अपीलीय न्यायाधिकरण ने बिना निबंधन के प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार करने पर स्वतः संज्ञान लिया था और 407 बिल्डरों को चिन्हित किया था। अब इस मामले में रियल एस्टेट न्यायाधिकरण ने रेरा बिहार को बड़ा आदेश दिया है । न्यायाधिकरण ने कहा है कि बिना निबंधन वाली कंपनी जो प्रचार प्रसार कर रही है वो रेरा नियम का उलंघन कर रहे। ऐसे में उन पर दंड लगायें। साथ ही यह भी कहा है कि गैर निबंधित प्रोजेक्ट का अखबार या सोशल साइट पर प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है तो रेरा संबंधित कंपनी पर दंड लगाये। साथ ही प्रोजेक्ट के प्रचार में रेरा निबंधन नंबर देना जरूरी है। अपीलीय न्यायाधिकरण के इस फैसले से ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी। 

फुल बेंच ने सुनाया फैसला

अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन जस्टिस अरूण कुमार, न्यायिक सदस्य अरविंद माधव और प्रशासनिक-तकनीकी मेंबर सुनील कुमार सिंह की बेंच ने रेरा को यह आदेश दिया है। न्यायाधिकरण ने 26 मई की सुनवाई में स्पष्ट  कहा है कि रेरा से निबंधन लिये बिना प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकता। ऐसे 407 प्रमोटर-बिल्डर हैं जो गैर निबंधित हैं और प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा है कि यह देखा गया है कि पटना और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर स्थित 407 परियोजनाओं के प्रमोटर संबंधित परियोजनाओं के विज्ञापन में लिप्त हैं. रियल एस्टेट के साथ पंजीकृत किए बिना विज्ञापन दे रहे। यह रेरा की धारा 53 का उल्लंघन करना है। जिसके तहत दंड दिया जा सकता है। पटना महानगर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,कार्यपालक अधिकारी, नगर परिषद,दानापुर के साथ-साथ एस.एस.पी की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि सूची में कई परियोजनाएं रेरा के साथ अपंजीकृत हैं। ऐसे में यह रेरा अधिनियम का उलंघन है। न्यायाधिकरण ने पाया कि आवंटियों/उपभोक्ताओं को आर्थिक और अन्य हितों की रक्षा करना जरूरी है। रेरा द्वारा नियमित आधार पर निगरानी की जाये वरना अधिनियम का उद्देश्य विफल हो जाएगा।

407 परियोजना गैर निबंधित फिर भी कर रहे थे प्रचार

इसके अलावा अपीलीय न्यायाधिकरण ने रेरा को सभी के लिए एक सामान्य निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है। राज्य में प्रसारित होने वाले समाचार पत्रों, वेवसाइट 99 एकड़.कॉम में बिना निबंधन वाले प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार नहीं करना है। साथ ही विज्ञापन में पंजीकरण संख्या का खुलासा किया जाए. अपीलीय न्यायाधिकरण की पूर्ण बेंच ने रेरा को निदेश दिया है कि 407 परियोजनाओं को वेबसाइट जैसे 99 एकड़.कॉम पर प्रचारित किया जा रहा है। केवल सत्यापन कर ही प्रचारित किया जाये। अगर कोई प्रमोटर ऐसा करता है तो रेरा पर्याप्त जुर्माना लगा सकता है। 

ग्राहकों को होगा लाभ 

बिहार रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण के इस फैसले से ग्राहक अब वैसे प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से बचेंगे जो गैर निबंधित है। रेरा वैसे बिल्डरों पर जुर्माना लगा सकती है। रेरा अधिनियम में प्रावधान है कि अगर बिल्डर निबंधन के बिना प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार करते हैं तो उनपर प्रोजेक्ट लागत का दस फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। न्यायाधिकरण ने यह भी साफ कर दिया है कि निबंधित प्रोजेक्ट के प्रचार के दौरान रेरा नंबर उल्लेख अवश्य हो। इसका फायदा यह होगा कि ग्राहक जान सकेंगे कि प्रस्तावित प्रोजेक्ट निबंधित है या नहीं। रेरा नंबर से प्रोजेक्ट की स्थिति का पचा भी लगाया जा सकता है। 




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