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दोहरे हत्याकांड में बिहार के दो विधायकों को मिली बड़ी राहत, कोर्ट में सबूत पेश करने में विफल रही पुलिस, अदालत ने किया बरी

दोहरे हत्याकांड में बिहार के दो विधायकों को मिली बड़ी राहत, कोर्ट में सबूत पेश करने में विफल रही पुलिस, अदालत ने किया बरी

पटना. दोहरे हत्याकांड से जुड़े में एक मामले में बिहार के माले से जुड़े दो विधायकों को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने दोनों विधायकों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. सीवान के विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष द्वारा आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में विफलता का हवाला देते हुए 11 साल पहले दर्ज दोहरे हत्याकांड के मामले में दो सीपीआई (एमएल) विधायकों सहित 10 लोगों को बरी कर दिया।

विशेष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार ने जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली विधायक सत्यदेव राम के साथ-साथ अन्य आठ चिन्हित आरोपियों के खिलाफ आरोप हटा दिए। पुलिस के अनुसार, ये हत्याएं जिले के चिल्हामरवा गांव में 6 जुलाई 2013 को भूमि विवाद को लेकर ग्रामीणों और सीपीआई (एमएल) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान हुई थीं। "घटना के दौरान, दोनों समूहों ने कई राउंड गोलीबारी की और बम फेंके।" 

पुलिस के अनुसार सोहगरा गांव निवासी मुकेश कुमार सिंह और बेलाउर गांव के राजनारायण सिंह उर्फ राजू सिंह की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। इसी मामले में अमरजीत कुशवाहा और सत्यदेव राम सहित अन्य को आरोपित बनाया गया था. हालांकि कोर्ट ने अब जो फैसला सुनाया है उसमें दोनों के खिलाफ सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष द्वारा आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में विफलता का हवाला दिया गया है. मौजूदा समय में अमरजीत कुशवाहा जीरादेई और सत्यदेव राम दरौली से विधायक हैं. 

जुलाई 2013 में घटी इस घटना को जिला प्रशासन और पुलिस रोकने में असफल रही थी. पुलिस तथा प्रशासन की मौजूदगी में भूमि विवाद को लेकर दोनो पक्षों में भीषण गोलीबारी हो गई थी, जिसमें सोहगरा निवासी मुकेश सिंह तथा बेलौर पंचायत के तत्कालीन मुखिया अमर सिंह के पुत्र राजू सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी. इस मामले में माले नेता सह वर्तमान जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा और दरौली के विधायक सत्यदेव राम सहित 10 नामजद व 15 अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. सुनवाई के बाद आज 11 वर्ष बाद फैसला आया है.


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