बिहार के CM और नेता प्रतिपक्ष के पास फुर्सत नहीं, लटक गया जातिगत जनगणना पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का मामला

PATNA : बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग अब टलती नजर आ रही है। ऐसा इसलिए है कि क्योंकि बैठक के लिए हाल फिलहाल न तो बिहार के मुख्यमंत्री के पास टाइम है और न ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पास फुर्सत है। आनेवाले दिनों में दोनों व्यस्त रहनेवाले हैं, ऐसे में इस साल बैठक बुलाए जाने की संभावना न के बराबर है।
बिहार में शीतकालीन सत्र के दौरान जिस तरह विपक्ष ने जातिगत जनगणना को लेकर आवाज उठाई थी और खुद सीएम ने भी इस पर अपनी दिलचस्पी दिखाई थी, उसके बाद माना जा रहा था कि जल्द ही इस पर बड़ा फैसला ले लिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी माना था कि यह सबसे जरूरी मसला है और इस को जल्द से जल्द निपटाना चाहिए। तब उन्होंने कहा था कि बहुत जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। लेकिन जैसे-जैसे थोड़ा वक्त बिता बिहार के दोनों प्रमुख नेता इस मसले को दरकिनार कर अपने अलग-अलग काम में लग गए हैं।
तेजस्वी फिलहाल राजनीति से दूर
जातिगत जनगणना को लेकर हमेशा मुखर रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फिलहाल सक्रिय राजनीति से दूर चल रहे हैं। हाल ही में नई दिल्ली में शादी कर लौटे तेजस्वी यादव लगातार अपने वैवाहिक जीवन को लेकर व्यस्त हो गए या यूं कहें तेजस्वी यादव ब्याह के बाद हनीमून पीरियड पर चल रहे हैं। प्रतिदिन उनकी तस्वीरें उनकी पत्नी राजश्री उर्फ रेचल के साथ आ रही है। कभी अपने संबंधियों से मिल रहे हैं, तो कभी अपने समर्थकों के साथ वक्त बिता रहे हैं। फिलहाल, पारिवारिक कार्यक्रम में तेजस्वी इतने व्यस्त हैं कि वह शायद ही जातिगत जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक के लिए समय निकाल पाएंगे। नेता प्रतिपक्ष की तरफ से इस पर फिलहाल चुप्पी है।
सीएम नीतीश निकल रहे हैं यात्रा पर
वहीं दूसरी तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार अगले हफ्ते 22 दिसंबर से 'समाज सुधार यात्रा' पर निकल रहे हैं। यह यात्रा अगले महीने के 15 जनवरी 2022 तक चलेगी। तब तक जातीय जनगणना को लेकर ना कोई बैठक के आसार दिख रहे हैं और ना ही इस को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री जब तक अपनी समाज सुधार यात्रा मुक्त होंगे, तब तक यह साल भी बदल चुका होगा और यह वक्त भी बदल चुका होगा। उसके बाद यूपी चुनाव को लेकर व्यस्तता बढ़ जाएगी।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार ने इस बात की ओर भी इशारा किया था कि बिहार सरकार अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराने को तैयार है। और उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया था कि हर बिंदु पर जांच करके इस जातीय जनगणना को फुलप्रूफ कराया जाएगा।