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BIHAR CRIME: आपदा को परिवार ने अवसर में बदलाः लॉकडाउन में हैदराबाद से आए बेटे ने शुरू किया जाली नोट छापने का धंधा, 3 लोग गिरफ्तार

BIHAR CRIME: आपदा को परिवार ने अवसर में बदलाः लॉकडाउन में हैदराबाद से आए बेटे ने शुरू किया जाली नोट छापने का धंधा, 3 लोग गिरफ्तार

BUXAR: बक्सर जिला अपने अजीबोगरीब कारनामों की वजह से लगातार चर्चा में रहता है। प्रेम प्रसंग का मामला हो या लूट, डकैती, यहां सबकुछ अलग ही तरीके से होता है। फिलहाल जिले में नकली नोट छापने के गोरखधंधे का बड़ा खुलासा हुआ है। जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मनोहरपुर गांव से नकली नोट छापने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए संलिप्त एक ही परिवार के 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले में अन्य संदिग्धों की पहचान कर गिरफ्तार होने की संभावना है। पुलिस ने 3 लाख 12 हजार के तैयार नकली नोट तथा 65 हजार 600 अर्धनिर्मित नकली नोट बरामद किए। इसमें 100, 200 और 500 के जाली नोट शामिल थे। साथ ही लैपटॉप प्रिंटर के साथ अन्य कई चीजें पुलिस ने बरामद की है।

मामले में एसपी नीरज कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राजपुर थाने के मनोहरपुर गांव में नकली नोट छापने का धंधा धड़ल्ले से चल रहा था। बीते मंगलवार की रात हेड क्वार्टर डीएसपी और सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम बनाकर छापेमारी की गई। जहां से मनोहरपुर निवासी सुभाष सिंह तथा उसका बेटा धर्मेंद्र सिंह और चचेरे भाई अशोक सिंह को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया है। एसपी ने बताया कि सुभाष सिंह का बेटा धर्मेंद्र इसका मास्टरमाइंड है। बाप-बेटे एक साथ मिलकर यह धंधा करते थे। इसमें सुभाष का चचेरा भाई अशोक भी मदद करता था। एसपी के मुताबिक पकड़े गए लोगों में मुख्य आरोपी पहले हैदराबाद में रहता था तथा लॉकडाउन में आने के बाद गांव में उसने इस गोरखधंधे की शुरुआत की। अभी यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि जाली नोट छापने के बाद इन लोगों ने नोट को कहां-कहां इन्वेस्ट किया है। बाजार में नोट कितने लोगों को कब किसको इन्वेस्ट किया है, अनुसंधान में यह पता लगाया जा रहा है। हर एंगल से जांच की जा रही है।


बताते चलें कि मास्टरमाइंड धर्मेंद्र सिंह अपने गांव के लोगों में स्वयं को हैदराबाद में नौकरी करने की बात बताता था। जबकि इसके पीछे करोड़पति बनने की चाहत में नोट छापने का काम करता था। वह हैदराबाद में सिक्योरिटी एजेंसी भी चलाता था। सूत्रों की माने तो करीब 2 माह से नोट छापने का काला धंधा जारी था। बहरहाल पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस नेटवर्क में अभी पुलिस गहराई से अनुसंधान कर रही है और जल्द ही मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी होने की उम्मीद है।

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