तेजस्वी की दी गई सीख का पालन करने लगे बिहार के डीजीपी एसके सिंघल, कहा – यह सब नहीं चाहिए
 
                    SAMASTIPUR : बिहार के डिप्टी सीएम ने अपने मंत्रियों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को बुके लेकर आने की जगह किताब और कलम लेकर आने के लिए कहा था। अब राजद नेताओं ने इसे कितना गंभीरता से लिया है,यह पता नहीं लेकिन बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने इसको लेकर बेहद ही गंभीरता से लिया है। अब उन्हें फूलों का गुलदस्ता पसंद नहीं आता है. बल्कि सीधे-सीधे किताब लेकर आने की मांग की करने लगे हैं। किताब की डिमांड करते डीजीपी साहब का ऐसा ही वीडियो समस्तीपुर जिले से सामने आया है।
बताया गया कि पटना से पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल व दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ललन मोहन प्रसाद शुक्रवार को समस्तीपुर पहुचे। परिसदन में पुलिस कर्मियों ने उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया। इसके बाद डीआईजी और आइजी पुलिस अधीक्षक में पुलिस पदाघिकारियों के साथ मीटिंग करने पहुंचे थे। सिंघल के परिसदन पहुंचते ही डीएम योगेंद्र सिंह और एसपी हृदयकांत उनके स्वागत के लिए बुके लेकर खड़े थे। लेकिन गाड़ी से उतरते ही डीजीपी ने सबसे पहले बुके लेने से मना किया और एसपी, डीएम को अपनी किताब की मांग की। जिसके बाद तत्काल वहां से बूके को हटा दिया गया।
डीएम का नाम भी भूल गए
बूके की जगह किताब की डिमांड करनेवाले डीजीपी को जिले के डीएम का नाम भी याद नहीं रहा। वह जिले के एसपी से ही डीएम का नाम पूछने लगे। इस दौरान डीएम योगेंद्र सिंह खुद आगे बढ़कर अपना नाम बताया। जिसके बाद डीजीपी को उनका नाम याद आया।
REPORTED BY SANJIV TARUN
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                    