Bihar Flood: गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंचने के कारण लखीसराय के कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. लखीसराय जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने शुक्रवार को पिपरिया एवं बड़हिया प्रखंड में बाढ़ की समस्या के मद्देनजर आपदा की आपात बैठक आहूत की. उन्होंने दोनों प्रखंडों के गंगा के किनारों वाले इलाके का दौरा किया और वहां के गांवों में जाकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना.
जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए. इसमें पिपरिया प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन की सुगम व्यवस्था एवं जान-मान की सुरक्षा हेतु सभी 29 रजिस्टर्ड निजी नावों एवं 02 सरकारी नावों को तत्काल प्रभाव से संचालित करने का आदेश अंचलाधिकारी को दिया गया. पिपरिया और बड़हिया प्रखंड में दो-दो सामुदायिक रसोई संचालित करने का आदेश अंचलाधिकारी को दिया गया. वहीं कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, लखीसराय को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी का टैंकर की व्यवस्था करने हेतु निदेश दिया गया.
जिला शिक्षा पदाधिकारी, लखीसराय को निदेश दिया गया कि जिन विद्यालयों में या विद्यालय जाने के रास्ते में पानी भर गया हो उसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाय. वहीं सिविल सर्जन को बाढ़ शरण स्थलो एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मोबाईल मेडिकल टीम से अनुश्रवण करने का आदेश दिया गया. जिला पशुपालन पदाधिकारी, लखीसराय को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दो ट्रक पशु चारा का अविलंब व्यवस्था करने का आदेश दिया गया.
गौरतलब है कि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बक्सर, पटना, मुंगेर, भागलपुर आदि जगहों पर गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जल संसाधन विभाग बिहार के अनुसार शुक्रवार सुबह 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर पटना में सभी प्रमुख जगहों पर खतरे के निशान से एक मीटर या उससे भी अधिक को पार हो चुका है. पटना के दीघाघाट में गंगा का जलस्तर 51.52 मीटर रिकॉर्ड किया गया जबकि खतरे का लेवल 50.45 मीटर है. वहीं गांधीघाट में खतरे का लेवल 48.50 मीटर है लेकिन यहां नदी का जलस्तर 50.14 मीटर पहुंच गया है. वहीं पटना के पूर्वी छोर हथिदह में गंगा नदी के खतरे का जलस्तर 41.76 मीटर है जबकि नदी का लेवल 43.07 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के स्तर से करीब 1.31 मीटर ज्यादा है.
लखीसराय से कमलेश की रिपोर्ट