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सुशासन सरकार के दावों की खुली पोल, बेरोजगारी में शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ बिहार

सुशासन सरकार के दावों की खुली पोल, बेरोजगारी में शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ बिहार

पटना. बेरोजगारी के मामले में बिहार की स्थिति बदहाल बनी हुई है. गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) की जारी हालिया फरवरी 2022 की रिपोर्ट में देश में बेरोजगारी दर को लेकर सभी राज्यों की स्थिति जारी की गई है. इसमें देश में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत बताया गया है. बेरोजगारी के मामले में बिहार चौथे नम्बर है. राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 8 फीसदी के मुकाबले बिहार में 14 फीसदी बेरोजगारी है. 

वहीं सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर वाले राज्यों में जो शीर्ष पांच राज्य हैं उसमें राजस्थान में बेरोजगारी दर 32.3 फीसदी है. दूसरे नम्बर पर 31 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा है. तीसरे पायदान पर झारखंड है जहां 15 प्रतिशत बेरोजगारी है. बिहार के बाद पांचवे नम्बर पर जम्मू कश्मीर है जहां बेरोजगारी दर 13.2 फीसदी है. 

दरअसल सीएमआईई की ओर से हर महीने 15 से अधिक आयु वर्ग के लोगों का घर घर जाकर सर्वे किया जाता है. इसमें रोजगार की जानकारी ली जाती है. उसी जानकारी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है. रिपोर्ट में पांच सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में ओडिशा की स्थिति सबसे अच्छी है. यहाँ मात्र 1 फीसदी बेरोजगारी दर है. वहीं मेघालय 1.4 फीसदी के साथ दूसरे, छतीसगढ़ 1.7 फीसदी के साथ तीसरे और 2.5 फीसदी के साथ गुजरात चौथे नम्बर है. वहीं उत्तर प्रदेश ने बेरोजगारी को पाटने में बड़ी सफलता आई है. राज्य 2.7 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ पांचवे नम्बर पर है. 

संयोग से रोजगार की सबसे खराब स्थिति वाले पांच राज्यों में चार हिंदी भाषी क्षेत्र से हैं. बिहार सरकार ने पिछले साल राज्य में बड़े स्तर पर निवेश होने का दावा किया था. बावजूद इसके रोजगार दर बढ़ाने में सरकार सफल नहीं हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजगार के नए अवसरों की कमी, उद्योग विकास का न होना सहित कोरोना के कारण बड़े स्तर पर नौकरी गंवाने वाले लोगों के कारण बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है. 


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