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डेंगू के डंक से कराह रहा बिहार, इन शहरों में बीमारी का प्रकोप सबसे अधिक, ये बरतें सावधानी

डेंगू के डंक से कराह रहा बिहार, इन शहरों में बीमारी का प्रकोप सबसे अधिक, ये बरतें सावधानी

पटना- डेंगू के डंक से बिहारवासी बेचैन हैं. डेंगू से पीड़ित मरीजों के अस्पताल आने का क्रम टूट नहीं रहा है.इस कारण लोगों की चिंता बढ़ रही है. पिछले 24 घंटे में पटना जिले में डेंगू के सिर्फ 16 मरीज पाये गये. इसके साथ जिले में डेंगू के केस की संख्या 1395 तक पहुंच गई है. वहीं, प्रदेश में डेंगू के 186 नये मरीज पाये गये.

बिहार में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पटना और भागलपुर में डेंगू संक्रमितों की संख्या अधिक है. भागलपुर में इस महीने अबतक 230 से अधिक डेंगू मरीज सामने आ चुके हैं. भागलपुर जिले में सर्वाधिक 31 नये डेंगू के मरीज मिले है. मुंगेर इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा, जहां 23 नये डेंगू मरीज पाये गये हैं. इसके साथ ही इस वर्ष डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 4643 हो गयी है. हर दिन करीब औसतन 30 नये मरीज मिल रहे थे. सिर्फ सितंबर में डेंगू 4368 के मरीज पाये गये हैं.

भागलपुर जिले में सोमवार को डेंगू के 31 नये मरीज मिले हैं. एलिजा जांच में सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है. सिविल सर्जन डॉ अंजना कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मायागंज अस्पताल में 25 मरीज पाये गये, तो पांच मरीज सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में हुई जांच में मिले. हालांकि, मायागंज अस्पताल में सोमवार को 34 नये मरीज भर्ती किये गये. डेंगू के 34 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. एक मरीज बगैर बताये ही चला गया. अब तक जिले में डेंगू मरीजों की कुल संख्या 653 हो गयी है. चार मरीजों की मौत हो गयी है.

नदियों के किनारे बसे शहरों में डेंगू का प्रकोप अधिक देखने को मिल रहा है. सारण में अब- तक 163 और हाजीपुर में 185 नये मरीज की पुष्टी हुई है.गंगा के किनारे बसे शहर बेगूसराय में अब तक 700 से अधिक मामले सामने आए है. इसके अलावा गंगा - गंडक तट पर बसे हाजीपुर में मरीजों का आंकड़ा 185 पर पहुंच चुका है. सीवान में 96 और औरंगाबाद में 143 संक्रमित मिले है. गोपालगंज जिले में मरीजों की संख्या 38 हो चुकी है. नालंदा में तीन दिनों में 19 नये संक्रमित मिले है.

मुजफ्फरपुर में डेंगू से दो मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के लिए गाइडलाइन जारी की गयी है.  वहीं निजी और सरकारी अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया है.

पटना के आईजीआईएमएस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा डेंगू से गंभीर तौर पर बीमार होने पर आपको हड्डियों में गंभीर दर्द होता है, इसे ब्रेकबोन बुखार भी कहा जाता है. उल्टी, जोड़ों में दर्द, आंखों में दर्द जैसे कुछ लक्षण भी आपको डेंगू होने की तरफ इशारा करते हैं. कमर के हिस्से में दर्द, एक दिन में 3 या ज्यादा बार उल्टी, नाक और होंठों से खून बहना, उल्टी और मल में खून आना, थकावट और बेचैनी महसूस होना डेंगू के गंभीर लक्षण हैं.

आईजीआईएमएस के इंडोक्रोनोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि डेंगू वायरस के कारण होती है, इसलिए इसमें एंटीबायोटिक्स काम नहीं करते. इसका कोई इलाज मौजूद नहीं है, इसका इलाज एंटीवायरल दवाओं से लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है. ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लें. उल्टी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए सादे पानी के साथ ही जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करें. डेंगू के कुछ  लक्षण दिखते हीं तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि डेंगू के लक्षण दिखने पर स्वयं दवाएं न लें. खासतौर पर खून को पतला करने वाली दवाएं, जो रक्तस्राव को बढ़ा दें, जैसे – एस्पिरिन, आइबूप्रोफेन और नेप्रोक्सिन सोडियम आदि.  डॉ वेद ने बताया कि डेंगू से बचने का सबसे आसान उपाय स्वयं को मच्छरों के काटने से बचाना है. मच्छरों से बचने का सबसे आसान उपाय मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करना ही है. मच्छरों से बचने के लिए मॉस्क्यूटो रैपिलेंट का इस्तेमाल करें. इसके अलावा साल के जिस समय डेंगू का प्रकोप ज्यादा होता है, उस समय पूरे बाजू के कपड़े, मोजे-जूते पहनने चाहिए. घर के खिड़की-दरवाजों को बंद रखें. घर या आसपास कहीं पानी जमा हो तो उसे साफ कर दें. जहां से पानी साफ करना संभव न हो वहां पानी में एक ढक्कन मिट्टी का तेल या पेट्रोल डाल दें.डेंगू से बचने का सबसे आसान उपाय स्वयं को मच्छरों के काटने से बचाना है. मच्छरों से बचने के लिए मॉस्क्यूटो रैपिलेंट का इस्तेमाल करें. इसके अलावा साल के जिस समय डेंगू का प्रकोप ज्यादा होता है, उस समय पूरे बाजू के कपड़े, मोजे-जूते पहनने चाहिए. घर के खिड़की-दरवाजों को बंद रखें. घर या आसपास कहीं पानी जमा हो तो उसे साफ कर दें. जहां से पानी साफ करना संभव न हो वहां पानी में एक ढक्कन मिट्टी का तेल या पेट्रोल डाल दें.

बहरहाल सूबा डेंगू के डंक से सूबे के लोग परेशान हैं. वहीं चिकित्यक इससे बचने का सरल उपाय बता रहे हैं, मच्चछड़ों से बचना. सावधानी हीं बचाव है. बुखार को हल्के में न लेकर चिकित्.क से परामर्श जरुर ले लें. घर पर इलाज करना खतरनाक साबित हो सकता है.


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