PATNA: बिहार में जीरो टॉलरेंस वाली सुशासन की सरकार में अफसरशाही बेलगाम हो गई है। अफसरों के आगे मंत्री-विधायक कराह रहे हैं। कहीं किसी की नहीं सुनी जा रही। ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी भारी उगाही के आरोप लग रहे हैं। चहेते अधिकारियों को मनपसंद जगह दिया जा रहा या उन्हें सालों-साल तक एक ही जगह पर बिठा कर रखा जा रहा। अब तो नीतीश कैबिनेट के मंत्री ही बिहार की बेलगाम अफसरशाही की पोल खोल रहे हैं। सीएम नीतीश की कैबिनेट के बेबस मंत्री मदन सहनी ने तो इस्तीफा कर दिया है। वहीं बीजेपी के एक विधायक ने भी अफसरों के तबादले में करोड़ों की कमाई की पोल खोल कर रख दी है। विपक्षी नेताओं की बात छोड़िए सत्ता पक्ष के नेताओं के आक्रमण से नीतीश सरकार कटघरे में है। इधर, सीएम नीतीश जिस विभाग के मंत्री हैं वहां के एक अफसर सेटिंग की बदौलत आठ सालों से परिवहन विभाग में ओएसडी के पद पर जमे हैं। परिवहन विभाग में कितने मंत्री-सचिव से लेकर अन्य अधिकारी और कर्मी आये-गये लेकिन बिप्रसे के अधिकारी आठ सालों से एक ही पोस्ट पर जमे हैं। ऐसा लग रहा कि उनके बिना उस विभाग का संचालन संभव नहीं।
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एक अधिकारी के चलते सीएम नीतीश का विभाग कटघरे में
दूसरे विभाग की बात छोड़िए जिस विभाग के मंत्री खुद सीएम नीतीश कुमार हैं उस विभाग का एक अफसर आठ सालों से एक ही जगह पर कुंडली मार कर बैठा हुआ है। क्या आप इसे अफसरशाही का एक नमूना नहीं कहेंगे? क्या यह संभव है कि बिना सरकारी मेहरबानी के कोई अफसर आठ वर्ष तक एक ही पद पर बना रह सकता है? सवाल उठना लाजिमी है कि एक को इतनी छूट तो अन्य को क्यों नहीं ? हम बात कर रहे हैं सामान्य प्रशासन विभाग की। सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। इस विभाग के जिम्मे भारतीय प्रशासनिक सेवा और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होते हैं। इन अधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापना का पावर इसी विभाग के पास होता है। समय-समय पर विभाग की तरफ से अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाता रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी लिस्ट में बिहार प्रशासनिक सेवा के उप सचिव स्तर के करीब ढाई सौ अफसर हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग एक अफसर पर मेहरबान!
सामान्य प्रशासन विभाग इतने अधिकारियों में एक खास अधिकारी पर मेहरबान दिख रहा है। वैसे पिछले महीने तक इस मेहरबानी वाली लिस्ट में दो अधिकारियों का नाम था. लेकिन मामला सामने आने पर एक का स्थानांतरण कर दिया। अब इस लिस्ट में एक अधिकारी का नाम बच गया है। वो अधिकारी परिवहन विभाग में OSD के पद पर पदस्थापित हैं....नाम है अजीव वत्सराज। सामान्य प्रशासन विभाग ने बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अजीव वत्सराज को नवंबर 2013 में परिवहन विभाग के OSD के पद पर पदस्थापित किया। तब से लेकर आज तक वे उसी विभाग में उसी पद पर बने हुए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग उप सचिव स्तर के अधिकारियों का तबादला कर रही है लेकिन आठ सालों से परिवहन विभाग के ओएसडी को नहीं छुआ गया।इसे सेटिंग नहीं तो और क्या कहेंगे ? क्या इतने दिनों बाद भी विभाग की नजर उन तक तक नहीं पहुंची या इसके पीछे कोई दूसरा खेल है? इसका जवाब तो अधिकारी ही देंगे। लेकिन इतना तो सबलोग समझ रहे हैं कि इस सुशासन राज में अधिकारियों की मनामनी चल रही। सत्ता पक्ष के मंत्री व विधायक इस बात की गवाही दे रहे।
कितने मंत्री-अधिकारी आये-गए, OSD साहब का कोई बाल-बांका नहीं कर सका
अब तक परिवहन विभाग में कितने मंत्री, प्रधान सचिव,सचिव,कमिश्नर,डिप्टी सेक्रेट्री,ज्वाइंट सेक्रेट्री और कमिश्नर आये और गये लेकिन ये OSD के पद पर 2013 से ही जमें हैं। क्या मजाल की कोई इन्हें हटा दे. बाकी अधिकारी विभाग में आ रहे और कुछ समय बाद चले जा रहे। लेकिन 8 सालों से जमे परिवहन विभाग के ओएसडी पर सरकार की नजर नहीं है।
सरकार ही बता रही 2013 से OSD के पद पर हैं पदस्थापित
बता दें, परिवहन विभाग के ओएसडी अजीव वत्सराज बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। बिहार सरकार ने अजीव वत्सराज को नवंबर 2013 में ही परिवहन विभाग के ओएसडी के पद पर पदस्थापित किया था। तब से लेकर आज तक वे इसी पद पर बने हुए हैं। तब से लेकर अब तक विभाग में कई सचिव,कमिश्नर,उप सचिव,ज्वाइंट कमिश्नर आये और फिर सरकार ने ट्रांसफऱ किया लेकिन ओएसडी के पद पर वत्सराज अब तक जमे हुए हैं।
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सामान्य प्रशासन विभाग में कंप्लेन,फिर भी सरकार की नींद नहीं खुली
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग में शिकायत बी दर्ज कराई गई। इसके बाद भी विभाग हरकत में नहीं आया. लिहाजा आज भी ढाई सौ उप सचिव में अकेला एक अफसर करीब आठ सालों से एक ही जगह ड्यूटी बजा रहे। इतने सालों में एक-एक अधिकारियों का कई बार ट्रांसफर हो चुका । इस संबंध में हमने विभाग के प्रधान सचिव से बात करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो सका। इधर विपक्ष ने मंत्री और भाजपा विधायक के आरोपों के बाद सीएम नीतीश पर जमकर प्रहार किया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री और कैबिनेट सहयोगियों पर सनसनीखेज आरोप लगाये हैं.