भूमि विवाद निबटाने में अक्षम अफसरों पर नकेल कसने की तैयारी,अब PAR में अंकित होगा इस काम का लेखा-जोखा

PATNA : बिहार सरकार भूमि विवाद निपटाने में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर नकेल कसने की तैयारी में है। सरकार की नजर वैसे अधिकारियों पर है जो भूमि विवाद को लंबित रखते हैं या उसमें दिलचस्पी नहीं दिखाते।वैसे अफसरों के पीएआर में अब उनकी पुरी करनी का जिक्र होगा।अगर वे बेहतर काम किए होंगे या फिर भूमि वाद निबटाने में दिलचस्पी नहीं लिए होंगे दोनों स्थिति में उनके काम PAR में अंकित होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश
बिहार सरकार ने सूबे के सभी अपर समाहर्ता ,एसडीओ और भूमि सुधार उप समाहर्ता को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। समान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।सरकार ने कहा है कि राजस्व पर्षद द्वारा सरकार के संज्ञान में लाया गया कि प्रमंडलीय आयुक्त,समाहर्ता,अपर समाहर्ता एसडीओ,भूमि सुधार उप समाहर्ता और अंचालाधिकारी के न्यायालयों में भू राजस्व एवं भूमि संबंधित मामले काफी संख्या में लंबित हैं।साथ ही यह भी कहा गया कि ये अधिकारी मामलों के निष्पादन में सक्रियता नहीं दिखा रहे।
इसके बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि भूमि से जुड़े सभी अधिकारियों द्वारा समर्पित किए जाने वाले स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन में इस बात को उल्लेख किया जाए कि उक्त पदाधिकारी ने अपने कार्यकाल में अपने न्यायालय में कुल कितने वादों का निपटारा किया और कितने वादों को छह महीना से अधिक समय तक लंबित रखा है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने पीएआर में उन आंकड़ों को हर हाल में उल्लेख करने का निर्देश दिया है।सरकार के इस आदेश के बाद अफसरों की लापरवाही पर थोड़ा अंकुश लग सकता है।क्योंकि PAR में निगेटिव मार्किंग से वैसे अधिकारियों के प्रमोशन पर असर पड़ेगा।