बिहार के पावर सेंटर में काम करने वाले सचिवालय कर्मियों में भारी नाराजगी, काली पट्टी बांध जता रहे विरोध....

PATNA: सत्ता के गलियारे में बैठने वाले सरकारी कर्मी बिहार सरकार की नीति से परेशान हैं.सरकार की टालमटोल नीति की वजह से सचिवालय कर्मियों के सब्र का बांध अब टूट गया है. सरकार के गैर जिम्मेदार रवैया की वजह से कर्मियों में गंभीर आक्रोश है.इसके बाद अब सचिवालय सेवा संघ ने विरोध पर उतर गए हैं.सचिवालय कर्मियों ने आज से 3 जुलाई तक काला सप्ताह मना रहे हैं।सचिवालय कर्मी काली पट्टी बांध कर ड्यूटी कर रहे।

 बिहार सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार और महासचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सचिवालय सेवा संघ आंदोलन को सफल बनाने को लेकर सचिवालय सेवा और बिहार लिपिक सेवा के सभी सदस्य काली पट्टी बांध कर काम कर रहे।

सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष और महासचिव ने कहा कि सरकार से वार्ता के 4 महीने बाद भी उस पर अमल नहीं किया गया। पत्र में कहा गया है कि संघ और सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच 26 फरवरी 2020 को वार्ता हुई थी।वार्ता में सचिवालय सहायकों का पद नाम परिवर्तित किए जाने से संबंधित आदेश 10 दिनों में निर्गत किए जाने तथा प्रोन्नति के संबंध में कार्यकारी व्यवस्था के तहत उच्चतर पद का प्रभार देने के मामले में अप्रैल माह तक निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया था. जिसके बाद संघ ने 3 दिनों का अपना आंदोलन वापस ले लिया था।लेकिन 4 महीना बीत उस समझौते का अनुपालन नहीं हुआ। 

संघ ने कहा है कि 4 माह के बाद भी पद नाम परिवर्तन नहीं किया जाना तथा प्रोन्नति के संबंध में निर्णय नहीं लिए जाने से सचिवालय कर्मियों में रोष व्याप्त है. बिहार सचिवालय सेवा के अधिकांश उच्च पद रिक्त हैं तथा प्रोन्नति का मामला लंबे समय से अवरुद्ध है. बार-बार आश्वासन के बावजूद मांगो पर अंतिम रूप नहीं दिए जाने से सचिवालय सेवा के कर्मी काफी  आहत हैं. इसी वजह संघ ने आज से काली पट्टी बांध कर ड्यूटी करने का निर्णय लिया है।