PATNA: बिहार में जमीन सर्वे का कार्य जारी है. सरकार का मानना है कि भूमि विवाद कम करने के लिए यह सर्वेक्षण जरूरी है. विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भू-सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि प्रदेश में इसका भारी विरोध हो रहा है. इधर, सरकार हर हाल में भूमि सर्वे कराने पर आमदा है. सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने साफ कर दिया है कि भूमि सर्वे से भूमाफियाओं को परेशानी है,बाकी किसी को दिक्कत नहीं है. तीन दिनों के अंदर रैयतों की सारी समस्या का समाधान कर देंगे. हमने अपने आईएएस अफसरों को गोपनीय तौर पर फील्ड में भेजकर समस्य़ा के बारे में जानकारी इकट्ठा कर ली है. 16 तरह की परेशानियां सामने आई हैं, जिसका समाधान करेंगे.
16 तरह की है समस्या,,तीन दिनों में होगा समाधान
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा है कि सर्वे चुनौती ही नहीं है महा चुनौती है. हमने इस महा चुनौती को स्वीकार किया है. यह सर्वे बिहार की जमीन का डिजिटल भविष्य तय करेगा. एक बार अगर सर्वे हो जाएगा तो भूमि से संबंधित विवाद खत्म हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमने अपने आईएएस अफसरों को गांव भेजा था. जनता से हमने गोपनीय तरह से जानकारी ली है. हमने पता लगाया है कि रैयतों को भूमि सर्वे से संबंधित किस तरह की समस्या है. हमने समस्याओं को कलेक्ट किया है. विभाग की नजर में 16 तरह की समस्या है. 3 दिन के बाद जनता की सारी समस्याओं को दूर करने जा रहे हैं.
आमलोगों को नहीं बल्कि भूमाफियाओं को है दिक्कत
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने आगे कहा कि बिहार की एक भी जनता को सर्वे को लेकर परेशानी नहीं होगी. हम यह रास्ता निकालने जा रहे हैं. लेकिन विपक्ष को इसमें भी दिक्कत है. जमीन सर्वे में अगर किसी को दिक्कत है वह है जमीन माफिया. जो दूसरों की जमीन को हड़प कर बैठा है. सरकारी जमीन को हड़प कर माफिया गिरी करता है, अपनी दुकानदारी चलाता है उसे ही परेशानी है. दूसरा दिक्कत है उनलोगों को है जो खास महाल की जमीन कब्जा किए हुए हैं. पटना में बड़े-बड़े लोग खास महाल की जमीन पर बिल्डिंग बनाये हुए हैं. बिहार में 50000 एकड़ से अधिक जमीन कब्जा किए हुए हैं, उन लोगों को दिक्कत है.