PATNA: बिहार की एक महिला अंचल अधिकारी ने बड़ा खेल किया था. जिलाधिकारी ने आरोपी सीओ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को आरोप-पत्र भेजा था. DM की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी सीओ को सस्पेंड कर दिया गया. मामला किशनगंज जिले से जुड़ा है. विभाग ने आरोपी सीओ को दंड भी दिया, लेकिन विभागीय मंत्री ने उक्त दंड को सख्त चेतावनी में परिणत कर दिया. हालांकि तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सीओ के निलंबन को गलत नहीं ठहरा सके.
सीओ रश्मि राज श्वेता का है मामला
किशनगंज जिले के दिघलबैंक के तत्कालीन अंचल अधिकारी रश्मि राज श्वेता के खिलाफ जिलाधिकारी ने 12 अप्रैल 2021 को ही आरोप पत्र गठित कर विभाग को भेज दिया था. इसके बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया. 28 अक्टूबर 2021 के प्रभाव से इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई संचालित की गई. अपर समाहर्ता किशनगंज को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया. संचालन पदाधिकारी ने जांच में पाया कि सीओ के खिलाफ जो आरोप हैं, वह आंशिक रूप से प्रमाणित हो रहे हैं. इसके बाद इन्हें निलंबन मुक्त करते हुए संचयी प्रभाव के साथ दो वेतन वृद्धि पर रोक का दंड अधिरोपित किया गया. इस दंड के खिलाफ अंचल अधिकारी रश्मि राज श्वेता ने रिविजनल प्राधिकार सह मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के समक्ष आवेदन दायर किया. मंत्री ने 12 दिसंबर 2023 को अंचल अधिकारी रश्मि राज्य श्वेता के खिलाफ पारित दंड संचयी प्रभाव के साथ दो वेतन वृद्धि पर रोक को बदल दिया और सख्त चेतावनी देने का आदेश पारित किया.
सीओ रश्मि राज श्वेता के निलंबन का निर्णय गलत नहीं था
इसके बाद अंचल अधिकारी श्वेता ने निलंबन अवधि का पूर्ण वेतन एवं भत्ते तथा सेवा विनियमन के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में आवेदन दिया. विभाग ने आवेदन पर विचार किया. जिसमें पाया गया कि इस मामले में आरोपी पदाधिकारी के निलंबन को पूर्ण रूप से अनुचित नहीं माना गया है. अंचल अधिकारी रश्मि राज श्वेता वर्तमान में नालंदा जिले के बेन अंचल की अंचल अधिकारी हैं . राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 6 सितंबर को जारी संकल्प ने कहा है कि रश्मि राज श्वेता के निलंबन अवधि 1 अक्टूबर 2021 से 17 मई 2023 में मात्र जीवन निर्वाह भत्ता का ही भुगतान होगा . लेकिन इस अवधि को पेंशन सेवा के लिए रेगुलर सर्विस सेवा मानी जाएगी.