Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। ऐसे में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं जिलाधिकारियों के द्वारा लोगों की समस्याओं और सवालों का जवाब भी दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जमीन के मूल कागजात ना होने पर जमीन मालिकों को क्या करना है इसको लेकर जिलाधिकारी ने जानकारी दी है।
दरअसल, बक्सर डीएम ने कहा कि जमीन सर्वे के कार्य को लेकर रैयतदारों को परेशान होने की आवश्कता नहीं है। रैयतदार स्व-अभिप्रमाणित वंशावली भी कागजात के साथ सर्वे कार्यालय में जमा करा सकते हैं। वहीं अगर किसी रैयत के पास मूल कागज नहीं है तो वो रैयत जमीन की फोटो कॉपी भी जमा करा सकते हैं। शनिवार को सिमरी प्रखंड में आयोजित सर्वेक्षण कार्यक्रम के बाद कर्मियों व रैयतों के साथ बैठक के दौरान डीएम अंशुल अग्रवाल ने यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
डीएम ने कहा कि जांच कार्य में पूरी पारदर्शिता बरतने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है। बैठक के दौरान रैयतदारों ने सर्वे से संबंधित दस्तावेज तैयार करने में आ रही कठिनाइयों से डीएम को अवगत कराया। डीएम ने रैयतों द्वारा पूछे गये सवाल का सरलतापूर्वक उत्तर दिया। बैठक में इनमें से दो ऐसी बहनें भी मौजूद थीं। जो अपने पिता की भूमि के सर्वेक्षण का अनुरोध करना चाहती थी। लेकिन उनके चाचा इससे सहमत नहीं हैं। ऐसे में डीएम ने दोनों बहनों को जांच एजेंसी के पास दस्तावेज जमा करने को कहा, फिर जमीन का सर्वेक्षण किया जाएगा।
बैठक में प्रशिक्षु आईएएस प्रतीक्षा सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार, सीओ भगवती शरण पांडे, बीडीओ शशिकांत शर्मा व रैयतदार उपस्थित थे। इस बैठक में डीएम ने कहा कि टोपोलैंड स्थल पर कोई सर्वेक्षण नहीं कराया जायेगा। बता दें कि सिमरी ब्लॉक में ऐसे दो मौजा हैं, जो टोपोलैंड में स्थित है। डीएम ने रैयतदारों को बताया कि टोपोलैंड में ऐसी जमीन आती है जिनका कभी सर्वे नहीं हुआ है। ये जमीन गंगा नदी में पड़ती हैं। इस कारण इन जमीनों का सर्वे नहीं कराया जा सकता है।