पटना : बिहार की राजनीति में महागठबंधन के चौसर पर अपने अपने हिसाब से सारे दल दांव चलते रहते हैं। 2020 विधानसभा चुनाव के लिए अपने - अपने हिसाब से रणनीति बनाने का काम दलों के द्वारा शुरू कर दिया गया है ।दशकों पुरानी पार्टी कांग्रेस इस बार 90 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है।
90 सीट से कम नहीं ज्यादा ही चाहिए
महागठबंधन में फिलहाल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कोई फार्मूला तय नहीं हुआ है। लेकिन कांग्रेस अपने फार्मूले के हिसाब से 90 सीटों से ज्यादा पर चुनाव लड़ना चाहती है ।कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि झारखंड विधानसभा चुनाव की तरह बिहार में फार्मूला तय हो ।कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है की अगर झारखंड के तर्ज पर महागठबंधन चुनाव लड़ता है तो कुल 81 विधानसभा सीटों में कांग्रेस 31 सीटों पर लड़ी थी अतः बिहार में उससे 3 गुना सीट चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ से 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव को आधार मानकर कांग्रेस का कहना है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में जदयू भी था।अब जदयू बीजेपी के साथ है तो फार्मूला यह होना चाहिए कि राजद और कांग्रेस के बीच सीटें आधी आधी बांट दी जाए ।और बाकी बची सीटें महागठबंधन के अन्य दलों को दे दी जाए।
मतलब साफ है कि कांग्रेस की मंशा है कि 90 से 100 सीटों के बीच उन्हें लड़ने की इजाजत दी जाए। लेकिन यह तो वक्त बताएगा कि महागठबंधन के अंदर चुनाव लड़ने का फार्मूला क्या तय किया जाता है। फिलहाल शाम तक सुखाय के लिए यह फार्मूला अच्छा है