बिहार में हो गया एक और बड़ा घपला, खनन विभाग के अधिकारी डकार गए 9 करोड़

PATNA : बिहार में घोटालों की फेहरिस्त में एक और घोटाले का नाम जुड़ गया है. नया घोटला खनन विभाग से जुड़ा है. इस घोटाले में 9 करोड़ से ऊपर के घपले की बात सामने आ रही है. खबर के मुताबिक बिना माइनिंग चालान के ही पीरपैंती से बाहर 270 रैक पत्थर को भेज दिया गया जिसमें साढ़े नौ करोड़ रुपये की हेरफेर की गई है. पूर्व खनन पदाधिकारी प्रणव कुमार प्रभाकर और विभाग के क्लर्क कुणाल किशोर और प्रांजल तिवारी पर माइनिंग माफियाओं के साथ मिलकर घोटाला करने का आरोप है.बताया जाता है कि मामला अगस्त 2015 से जुलाई 2020 तक का है, जिसमें बिना माइनिंग चालान के ही मेसर्स सीटीएस इंडस्ट्रीज पर 235 और कुल 270 रैक पत्थरों की ढुलाई का आरोप लगा है.

खनन विभाग में हुए इस घपले का खुलासा आरटीआई से मिले कागजातों से हुआ है.जिसके बाद आरटीआई से जानकारी लिए शिकायतकर्ता सुशील राय ने पटना सचिवालय में खनन विभाग के प्रधान सचिव से मिलकर शिकायत की. जिसके बाद दो सदस्यीय जांच टीम भगलपुर पहुंची और तीन दिनों से कार्यालय में दस्तावेज खंगालने के साथ कर्मचारियों से पूछताछ और पीरपैंती में स्पॉट वेरिफिकेशन किया. 

भागलपुर में खनन विभाग में बिना चालान के ही पांच सालों में 270 रैक पत्थर पीरपैंती से बाहर भेजा गया, जिसमें 235 रैक पत्थर मेसर्स सीटीएस इंडस्ट्रीज की ओर से भेजा गया. इस अवैध कारोबार में नौ करोड़ 45 लाख रुपये का घोटाला है. इस घोटाला में पूर्व खनन पदाधिकारी प्रणव कुमार प्रभाकर और विभाग के क्लर्क कुणाल किशोर और प्रांजल तिवारी पर घोटाला करने का आरोप है.बताया जा रहा है कि अगर कायदे से जांच हो तो कई बड़े लोगों का भी नाम इस घपले में आ सकता है.

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