PATNA: बिहार के पंचायत वार्ड सदस्य भी अब बर्खास्त किए जा सकेंगे । इसको लेकर बिहार सरकार प्रावधान बानने की कोशिश में जुटी है। बिहार पंचायती राज्य विभाग के प्रस्ताव पर विधि विभाग ने सहमति प्रदान कर दी है । अब कैबिनेट से प्रस्ताव पर सहमति लेने की तैयारी चल रही है। बता दें कि बिहार में 1 लाख14 हजार 691 वार्ड सदस्य हैं।
मतलब साफ है कि ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्यों को भी इस कानून के तहत आसानी से पद से हटाया जा सकेगा।मुख्यमंत्री के द्वारा लाए गए कार्यक्रम हर घर नल- जल और गली- नली की पक्की करण योजना में वार्ड सदस्य को महती जिम्मेदारी दी गई है। हर घर जल- नल और गली -नली के पक्कीकरण योजना के क्रियान्वयन के लिए जो समिति बनाई गई है उसका अध्यक्ष वार्ड सदस्य को ही नियुक्त बनाया जाता है।
उस योजना में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत है।शायद हीं कोई वार्ड हो जहां नियम संगत काम हुआ हो।लेकिन सबकुछ जानते हुए भी सरकार वार्ड सदस्यों पर सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रही थी।विधानमंडल में भी नल-जल योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कई बार नीतीश सरकार की किरकिरी हुई है।उसके बाद नीतीश कुमार की सरकार ने तय किया है कि वार्ड सदस्यों को कसा जाए।
अभी तक के राज्य निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार ही वार्ड सदस्यों पर कार्रवाई की जा सकती है. राज्य निर्वाचन आयोग भी उन्हें तब हटा सकता है जब वार्ड सदस्यों के द्वारा चुनाव लड़ने के दौरान गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाता है ,लेकिन अब इस नए प्रस्ताव के कैबिनेट से पास हो जाने पर नियमानुसार कार्य नहीं करने अथवा वित्तीय अनियमितता बरतने पर वार्ड सदस्यों को बर्खास्त कर दिया जाएगा । बता दें कि वार्ड सदस्यों को की बर्खास्तगी के लिए नियम बनाने की मांग जिला स्तर से भी की गई थी।