Patna:- बिहार में हत्या के मामले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस और गृह विभाग के मुताबिक करीब 40 फीसदी हत्या के मामलों में लाइसेंसी हथियारों का उपयोग किया जाता है. हत्या में बढ़ते लाइसेंसी हथियारों को लेकर जिला स्तर पर भी चिंता जताई गई है.
वहीं मामले में एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा है कि जिस भी हथियार का उपयोग हत्या के लिए किया जाता है, उसे तुरंत जांच के बाद रद्द कर दी जाती है. आर्म्स लाइसेंस के अप्रूवल और निर्गत या रद्द करने का अधिकार जिला प्रशासन का है. इसीलिए जिला स्तर पर इसको लेकर कई कदम उठाये जा रहे हैं.
बता दें कि अब सरकार निजी हथियारों को नियंत्रित करने और इन पर नजर रखने को लेकर तत्परता दिखा है. लाइसेंसी हथियारों की संख्या खासकर आरा, बक्सर, गोपालगंज, सारण, रोहतास और मुंगेर में ज्यादा है. जिस वजह से इन जिलों में हत्या की वारदातें ज्यादा देखने को मिलती है. इसीलिए सभी लाइसेंस धारियों को अपने हथियार और गोली का पूरी वेरिफिकेशन कराने को कहा गया है और अगर किसी ने गोली चलायी है तो, क्यों चलाई है और कब गोली चलाई गई है ? इसका पूरा विवरण देने को कहा गया है.
गृह विभाग ने लाइसेंसी हथियारों की सतत जांच का निर्देश दिया है. इस निर्देश के तहत अगर किसी व्यक्ति के नाम पर दो या इससे ज्यादा लाइसेंसी हथियार है, तो उसे रद्द की जायेगी और अगर एक ही परिवार में कई लोगों के नाम पर लाइसेंस है, तो इसकी भी जांच की जायेगी.