बिहार महादलित विकास मिशन घोटाला मामले में पूर्व आईएएस केपी रमैया को राहत, रवि मनुभाई परमार पर अनुसंधान जारी

PATNA : पटना के निगरानी कोर्ट ने चर्चित पूर्व आईएएस केपी रमैया को राहत दे दी है। मामला बिहार महादलित विकास मिशन में साढ़े 5 करोड़ का घोटाला से जुड़ा है। निगरानी कोर्ट ने ऊपरी अदालत की आदेश का हवाला देते हुए बुधवार को केपी रमैया को रेगुलर बेल दे दिया है। कोर्ट 2 मई को एलपीए का ऑर्डर था कि अगर रमैया आदेश के एक हफ्ते में रेगुलर बेल फ़ाइल करते हैं तो उन्हें फ़ाइल करने से 15 दिनों के अंदर आदेश कर देना होगा। हालांकि कोर्ट में निगरानी के वकील आनन्दी सिंह ने बताया कि निचले अदालत से अग्रिम जमानत याचिका पूर्व में अस्वीकृत की जा चुकी थी।उसके बाद पुनः हाई कोर्ट ने 23 मार्च 18 को इनका अग्रिम जमानत पत्र अस्वीकृत हुआ और केपी रमैया के द्वारा अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई।सुप्रीम कोर्ट से उस जमानत याचिका को याचिकाकर्ता के द्वारा 6 मई 2019 को वापस ले लिया गया।वहीं निगरानी के द्वारा प्राथमिक अभियुक्त केपी रमैया के विरुद्ध आरोप पत्र भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवम आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र समर्पित किया गया था।
विदित हो कि निगरानी प्रथम के न्यायाधीश मधुकर कुमार की मूल बेंच में यह वाद चल रहा है और आज वे छुट्टी पर थे।अतएव आज एडीजे 10 विपुल कुमार सिन्हा आज बतौर प्रभारी जज थे तो उन्होंने बेल दिया है।बेल की शर्तें है कि 20 हजार के दो मुचलका तथा एक जमानतदार स्थानीय हों। इस आदेश के बाद रेगुलर बेल दिया गया है।अब यह देखना होगा कि विजिलेंस क्या ऊपरी अदालत जाती है या नही?
बिहार विकास दलित मिशन में साढ़े पांच करोड़ घोटाला सामने आने के बाद 10 लोगो पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए अभियुक्त बनाया गया था।साथ ही 8 के खिलाफ एक साथ चार्जशीट हुआ था मामले में शरद कुमार झा जो तत्कालीन iiim के निदेशक के ऊपर 28अगस्त 2018 को चार्जशीट हुआ था।वहीं 26 अप्रैल 2019 को निगरानी ने 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था जिसमें वर्तमान एवम पूर्व आईएएस तक शामिल है।साथ ही प्रशासनीक सेवा के अधिकारी प्रभात कुमार,तत्कालीन राज्य परियोजना पदाधिकारी देव जानिगर और उमेश कुमार, श्रीराम न्यू होराइजन कंपनी वाइस प्रेसिडेंट सौरभ वशु और जयदीप कर टोटके एसएम राजू सहित कुल 8 के खिलाफ एक साथ हुआ चार्जशीट किया गया था।जबकि मामले में नामजद रवि मनु भाई परमार वर्तमान आईएएस पर अनुसंधान चल रहा है। आने वाले समय में उनकी की मुश्किलें बढ़ सकती है।