PATNA: बिहार में विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं।इन सीटों के लिए सभी नौ उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित होंगे।इसके लिए सिर्ऱ औपचारिकता बाकी रह गई है।नामांकन पत्रों की जांच में सभी 9 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाये गए हैं।29 जून को नाम वापसी की अंतिम तारीख है।उसके बाद सभी के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा कर दी जाएगी।
विधान परिषद की इन सीटों में राजद के खाते में इस बार 3 सीटें गई है।वहीं जेडीयू को सिर्फ 3 सीट से संतोष करना पड़ा है।वहीं बीजेपी के कोटे में 2 सीटें मिली है वहीं कांग्रेस को भी एक सीट मिली है।इन नौ सीटों में इसके पहले बीजेपी के पास तीन सीटें थी और जेडीयू के खाते में 6 सीटे थी। इस बार राजद की ओर से सुनील सिंह, रामबली सिंह चंद्रवंशी और फारुख शेख मैदान में हैं। वहीं, कांग्रेस ने समीर सिंह को उतारा है। जदयू ने गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा की ओर से संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख और सम्राट चौधरी प्रत्याशी हैं।
तीन कदम बढ़ने से पहले पांच कदम पीछे हो गया राजद
बिहार विधान परिषद के चुनाव में राजद को को तीन सीटों का सीधे तौर पर फायदा मिला था।इस तरह से उच्च सदन में लालू प्रसाद की पार्टी की 11 सीटें हो जाती।लेकिन जेडीयू ने ऐसा झटका दिया कि राजद तीन कदम आगे बढ़ने के पहले ही पांच कदम पीछे हट गई।राजद की सारी मंशा धरी की धरी रह गई और एक साथ पांच विधान पार्षद पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए।राजद का जहां विधान परिषद में 11सदस्य हो जाते लेकिन ऐसा हुआ कि अब घटकर 6 सदस्य रह जायेंगे।
इन विधान पार्षदों ने राजद को पांच कदम पीछे ढ़केला
मंगलवार को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने आरजेडी को जबरदस्त झटका दिया था. राजद नेतृत्व को कानोकान खबर नहीं लगी और आरजेडी से इस्तीफ देकर पांच एमएलसी सत्ताधारी खेमे में शामिल हो गए. चार दिन पहले यानि 23 जून को एमएलसी संजय प्रसाद, दिलीप राय, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और कमरे आलम आरजेडी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हो गए. विधान परिषद के अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह को सदस्यता से इस्तीफा सौंपने के बाद पांचों नेता सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और नीतीश कुमार से मुलाकात की. नीतीश की मौजूदगी में ही पांचों नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी.