PATNA : प्रसुती वार्ड में भर्ती तीन महिलाओं पर 32 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत कर दिए गए। यह रिपोर्ट बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की है। मंगलवार को हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए गए रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी। पहली बार पीएमसीएच प्रबंधन ने हाईकोर्ट के सामने यह कबूल किया कि उनके यहां ऑक्सीजन सिलेंडर में घपला किया गया है। हाईकोर्ट ने पीएमसीएच को चेतावनी दी है कि इस प्रकार के कुप्रबंधन की स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं हो। मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।
कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने पीएमसीएच में आवश्यकता से अधिक ऑक्सीजन की खपत को लेकर घपले की आशंका जाहिर करते हुए इसकी जांच कराने की बात कही थी। कोर्ट की तरफ नियुक्त किए गए कोर्ट मित्र एडवोकेट मृग्यांक मौली ने अस्पताल का दौरा किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट में एक दिन में भर्ती हुए मरीजों को चिकित्सकों के मानदंड के अनुसार जहां 150 सिलेंडर की जरूरत थी, वहां 348 सिलेंडर खपा दिए गए। प्रसूति वार्ड में एडमिट तीन महिलाओं पर ही 32 सिलिंडर खर्च हुए थे। मंगलवार को हुए सुनवाई के दौरान थी। पीएमसीएच की तरफ से सीनियर एडवोकेट पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट मित्र एडवोकेट मृग्यांक मौली की रिपोर्ट सही मानते हुए साफ किया कि यहां उजागर हुई गड़बड़ियों पर अस्पताल प्रशासन ने फौरन कार्रवाई करते हुए खामियों को दुरुस्त किया है।
अस्पताल से लिखित में मांगा अब नहीं होगी गड़बड़ी
इस कथन पर चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने आदेश दिया कि इन बातों को हलफनामे पर दें। साथ में यह भी अंडरटेकिंग दें कि आइंदा अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति में न तो कोई कुप्रबंधन होगा और न ही मरीजों को इसकी कोई किल्लत होगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पीएमसीएच के हर वार्ड में बेड की क्षमता के अनुसार रोजाना कितने ऑक्सीजन की जरूरत है और उसे कैसे पूरा किया जाएगा इसका भी जिक्र दायर होने वाले हलफनामे पर हो। पीएमसीएच अधीक्षक की तरफ से यह भी जानकारी दी गई कि इस महीने के अंत तक वहां ऑक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर देगा।