Gaya: पितृपक्ष का महीना 17 सितम्बर से शुरु हो गया है. हिंदू धर्म में पितृपक्ष को बेहद महत्वपूर्ण माना गया हे. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर यमलोक से धरती पर अपने प्रियजनों से मिलने के लिए आते हैं. वहीं पितृपक्ष में गया में पिंडदान का बहुत बड़ा महत्व है. श्राद्धपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए गया में तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. गया में पितृ पक्ष मेल 2024 के दूसरे दिन कोने-कोने से देशभर के तीर्थ यात्री अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने और पिंडदान के लिए पहुंच रहे हैं.
गया जिला प्रशासन के अनुसार अब तक करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालु गया जी पहुंच चुके हैं. तीर्थ यात्री विष्णु पाथ-वे से लेकर रबर डैम तक करीब 2 किलोमीटर की दूरी में अपने पितरों को पिंडदान कर रहे हैं. विष्णुपद मंदिर से जुड़े सभी घाटों पर चप्पे चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है.
सिविल वॉलिंटियर्स तीर्थ यात्रियों की मदद के लिए तत्पर है .वहीं तीर्थ यात्रियों के समस्या के समाधान के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है जो अहर्निश तत्पर है.
घाटों पर एसडीआरएफ की टीम तैनात है. एसडीआरएफ की टीम फल्गु नदी में वोट के साथ तत्पर है.
गया जी में दूसरे राज्यों के तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में अपने पितरों का पिंडदान करने पहुंच रहे हैं.
फल्गु नदी में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए नहाने और तर्पण का बोर्ड भी प्रशासन ने लगा रखा है.
रिपोर्ट-मनोज कुमार